यंग गर्ल सेक्स कहानी मेरे घर काम करने वाली जवान लड़की की है. मैंने उसे नजर भर देखा तो हमारे नजरें लड़ गईं. शायद वो भी मुझपर आसक्त हो गई थी.
दोस्तो, मेरा नाम ईशान है.
मेरी हाइट 5 फिट 9 इंच की है और मैं बिल्कुल फिट शरीर का युवा हूँ. मेरा साढ़े छह इंच का लंड काफी मोटा है.
आज जो यंग गर्ल सेक्स कहानी मैं आप लोगों को बताना चाहता हूँ, वो हमारे घर में काम करने आने वाली लड़की को चोदने की है.
उसका नाम अनुषा है.
वह हमारे घर की साफ सफाई करने आती थी.
उसका 32-26-34 का फिगर देखने लायक था. जब वो अपनी गांड मटका कर चलती थी तो ऐसी लगती थी मानो कोई हंसनी चल रही हो.
उसका कद 5 फुट 5 इंच का था. थोड़ा हल्की सांवली मगर तीखी चितवन वाली माल थी.
देखने में आप उसे पूनम पांडे जैसा समझ सकते हैं.
जवानी की दहलीज पर कदम रखती हुई 19 साल की वो हसीना मेरे दिलोदिमाग पर छा गई थी.
मैं उस समय शहर से गांव आया ही था. जब मैं गांव आया तब लॉकडाउन शुरू ही हुआ था.
मैंने उसे पहली बार देखा तो एकदम पागल हो गया.
मेरी उम्र उस वक़्त 20 साल की थी और लंड ने चुत की तलाश में फन उठाना शुरू कर दिया था.
मैंने उसे पहली बार नजर भर कर देखा तो उसकी नजरें भी मेरी नजरों से लड़ गईं.
शायद वो भी मेरी तरफ आसक्त हो गई थी.
मैंने हल्की सी स्माइल दी तो वो भी अपने दुपट्टे को होंठों में दबा कर हंस दी.
अब वो और मैं रोजाना एक दूसरे को देखते, पर कभी किसी ने कुछ बोलने की हिम्मत नहीं की क्योंकि घर वाले आस-पास होते थे.
मगर दिल ही दिल में मैं उसकी और उसने मेरी बात को समझ लिया था.
फिर एक दिन शाम को सब खेत में थे और वो घर के पीछे खड़ी थी.
उस दिन वो एक चुस्त लाल रंग के सलवार सूट में थी.
मैंने उसके पास जाने की हिम्मत की कि आज इससे बात करके ही रहूंगा.
मैं सीधा उसके पास गया और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ किया.
तो उसने बिना किसी विरोध के सर झुका लिया.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और पीछे बने एक कमरे में ले जाने लगा.
कमरे की देहरी में घुसने से पहले वो थोड़ा आगे पीछे हुई लेकिन फिर अन्दर आ गयी.
मैंने उससे कहा- बहुत दिन हो गए तुझे देखते देखते. तू मुझे अपना नंबर दे दे.
उसने झट से अपना फ़ोन अपने चूचों से निकाल कर मुझे दे दिया.
मैंने उसके फोन पर अपना नम्बर डायल किया तो उसके फोन का कीपैड का एक बटन काम नहीं कर रहा था.
मैंने उससे उसका नंबर पूछा, तो उसने कहा कि मुझे तो अपना याद ही नहीं है.
मैंने कहा- चल नम्बर चैक कर लेता हूँ.
वो समझ नहीं पाई कि कैसे नम्बर चैक किया जाएगा.
मैंने उसे नीचे लिटाकर उसकी चुन्नी एक तरफ की और उसके ऊपर आकर किस करने लगा.
वो साथ देने लगी.
मैं उसे चूमते हुए अपने एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा.
वो उन्ह उन्ह आह करती हुई कहने लगी- अभी छोड़ दो, कोई आ जाएगा. पहले नम्बर ले लो.
मुझे हंसी आ गई.
वो बोली- क्यों हंस रहे हो?
मैंने कहा- अरे पागल तेरे चूचों का नम्बर ले रहा हूँ. मेरा उसी से काम चल जाएगा.
वो भी हंस पड़ी और बोली- अच्छा सिर्फ उधर का नम्बर ही लेना है.
मैं समझ गया कि ये तो साली पूरी की पूरी चुदने को रेडी है और मैं इसके सिर्फ दूध दबाने की सोच रहा हूँ.
अब मैंने कहा- तेरी चुत को भी चैक करूंगा. तू परेशान मत हो.
वो शर्मा गई और मेरे साथ चिपकती हुई बोली- अभी नहीं … अभी कोई आ जाएगा.
मैंने कहा- अभी कोई नहीं आएगा. तू चिंता मत कर.
मैं उसे किस करता रहा और वो भी साथ देने लगी.
फिर धीरे से मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया तो वो अचानक से अपनी टांगें चिपकाने लगी.
पर मैंने किसी तरह उसकी सलवार निकाल दी.
उसने नीचे ब्लैक कलर की पुरानी सी पैंटी पहन रखी थी.
मैं उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से मसलने लगा और अपनी दो उंगलियों को चड्डी के अन्दर करके चुत की झांटों से खेलने लगा.
उसकी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
फिर वो कसमसाने लगी मगर जल्दी ही मादक आवाज में सीत्कार करने लगी- उमं उमं मं मं बस करो उं आं धीरे धीरे करो … आह उन्ह!
मैं दांतों से हल्के हल्के उसके गालों को चूमने काटने लगा.
फिर मैं धीरे से उसका कुर्ता ऊपर करने लगा और उसके शरीर से कुर्ता अलग कर दिया.
उसके 32 साइज़ के चुचे पिंक ब्रा में कैद थे और कयामत लग रहे थे.
मैं मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और एक को मुँह में भर कर अपने दांतों से हल्के हल्के से काटने लगा.
नीचे एक हाथ से मैं उसकी चूत को भी मसलता रहा.
वो वासना के आनन्द में डूबने लगी.
दस मिनट तक मैं उसे यूं ही तड़पाता रहा.
फिर मैंने उसको खड़ा करके मेरे कपड़े उतारने को कहा.
उसने मेरी शर्ट निकाली.
फिर मैंने उसे नीचे बिठा कर पैंट उतारने को कहा.
उसने पहले मेरी जींस का बटन खोला और जिप खोल कर पैंट नीचे करने लगी.
मैंने अंडरवियर भी साथ में ही निकाल दिया.
अन्दर मेरे लंड को बड़ी बेचैनी हो रही थी.
जैसे ही लंड चड्डी की कैद से छूटा, तो मेरे लम्बे मोटे लंड को आराम आ गया.
उस वक़्त लंड बिल्कुल रॉड जैसे टाइट था. उसने खड़ा लंड देखकर अपना मुँह हाथों से ढक लिया.
मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया.
वो आगे पीछे करने लगी.
दो मिनट तक वो लंड को हिलाती रही.
फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी.
मैंने उसे नीचे लिटाकर उसकी ब्रा पैंटी निकाल दी और नीचे को होकर उसकी चूत देखी.
उस पर कुछ दिन पहले ही साफ़ किये हुए बाल एक काली और मखमली चादर से चुत को सजाए हुए थे.
चुत की फांकों को खोला तो अन्दर से बिल्कुल लाल और रसभरी हो चुकी थी.
मैं उसकी टांगें अपनी पीठ पर रख लीं और उसकी चूत को ऊपर से चूसने लगा.
उसकी सोच वही गांव वाली थी कि यह गंदी जगह है.
वो मुझे चुत चाटने से मना करने लगी और धक्का देने लगी.
मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और चूत में जीभ अन्दर डालने लगा.
उसे भी चुत चटवाने में मजा आने लगा और वो धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी.
मैंने उसके हाथ छोड़ दिए और वो मेरे बालों में हाथ रखकर मेरा सिर अपनी चुत पर दबाने लगी.
मैं उसकी चूत चौड़ी करके जीभ अन्दर डालकर चूसता रहा और एक उंगली चूत में डालने लगा.
कुछ पल बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद में डाली तो वो अचानक से चिहुंक उठी.
मैंने उंगली गांड में अन्दर पेली तो उसे हल्का हल्का सा दर्द होने लगा.
मैं दोनों हाथ ऊपर लाकर उसके चुचे दबाने लगा, तो वो कुछ शांत हो गई.
कुछ देर ऐसे ही करते करते मैंने नीचे लेटकर उसे अपने ऊपर ले लिया और उसके चुचे चूसने और काटने लगा.
वो गर्माने लगी थी और मैं उसको तड़फा रहा था.
फिर मैंने उसे घुटनों के बल कुतिया बनाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो लंड अन्दर पेलने की कहने लगी.
मगर मैं चुत की फांकों में लंड रगड़ कर उसको तड़पाने लगा.
फिर मैंने अचानक से एक धक्का मारा तो लंड का सुपारा जरा सा अन्दर घुस गया.
वो कुंवारी थी तो मोटा लंड चुत को चीरने लगा था. वो दर्द से रोने लगी.
मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उससे पूछा- पहले चुदी नहीं है क्या?
उसने कहा- एक बार किया था, वो मेरा भाई था. उसके साथ एक बार करने की कोशिश की थी. लेकिन उसका लंड छोटा सा था. बिल्कुल नुन्नू सा 3 इंच का भी नहीं था और पतला सा भी था.
मुझे हंसी आ गई कि उसने नुन्नू से चुत की आग शांत करने की कोशिश की थी.
मैंने कहा- मतलब अभी ठीक से नहीं चुदी हो … मेरा लंड बड़ा और मोटा है. तेरी फट जाएगी.
वो मुस्कुरा कर कहने लगी- मैं झेल लूंगी, तुम करो तो!
मैं समझ गया कि इसकी चूत में आग लगी है.
अब मैंने उसे पहले तड़पाने का सोचा और लंड हटा दिया.
वो मेरी तरफ हैरानी से देखने लगी तो मैं उसकी 34 की गांड पर थप्पड़ मारने लगा और उसकी गांड लाल कर दी.
गांड लाल करने के साथ साथ मैं उसकी चुत पर भी थप्पड़ मारता रहा और वो चिल्लाती रही.
फिर मैं वापस पीछे से उसकी चुत और गांड चाटने लगा और मैंने जबरन अपनी दो उंगलियां चुत में और एक गांड में डाल दीं.
वो तड़फ उठी और चिल्लाने लगी- आह … मर गई धीरे धीरे … आह बस करो दर्द हो रहा है.
लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उंगली करता रहा.
फिर जैसे ही वो झड़ने को होती तो मैं सिर्फ उसकी गांड में उंगली डालता और एक दो थप्पड़ गांड पर मार देता.
ऐसे ही बीस मिनट तक उसे गर्म करते करते मैंने पीछे से अपना पूरा मुँह उसकी चुत में डाल दिया और नाक से उसकी गांड को सूंघता रहा, अपने दोनों हाथों से उसके चुचे मसलने लगा.
एक साथ चौतरफा हमला होने से वो दो मिनट में ही झड़ गयी और में उसका सारा चूत रस पी गया.
फिर मैंने ख़ड़े होकर उसको घुटनों के बल बिठा दिया और अपना लंड उसके होंठों पर रगड़ने लगा.
वो लंड देखने लगी तो मैंने उससे चूसने को बोला कि पहले इसे चूस, तभी चोदूँगा.
वो धीरे धीरे लंड का टोपा चूसने लगी.
मैंने पीछे से उसके बाल पकड़ कर मुँह आगे को किया और पूरा मुँह में डाल कर तेज तेज आगे पीछे करने लगा.
मैं लंड पूरा उसके गले में उतारकर 5 मिनट तक मुँह चोदता रहा.
वो गों गों करके लंड चूसती रही और मैंने लंड का रस उसके मुँह में झाड़ दिया.
अनुषा मेरा लंड बाहर निकालने को कोशिश कर रही थी मगर मैं लंड मुँह में ही पेले रहा.
वो लंड का पूरा माल पी गई.
मैंने माल पिला कर लंड बाहर निकाला तो उसने खुद को मुझसे छुड़ाया और लम्बी लम्बी सांस लेने लगी.
फिर मैंने उसकी पैंटी उठाकर उसके होंठ साफ किए और अपना लंड उसकी चूचों पर मसल कर साफ कर दिया.
अब मैंने उसे खड़ा करके अपनी बांहों में भर लिया और हाथ पीछे करके उसकी गांड दबाता रहा.
वो भी अपने हाथ मेरी गांड पर ले जाकर चूतड़ दबाने लगी.
फिर मैंने उसे सताने के लिए कहा कि अब कपड़े पहन लो, घर वाले खेत से आते ही होंगे.
वो थोड़ा सा नाराज़ होकर अपने कपड़े पहनने लगी.
मैंने उसकी ब्रा पैंटी अपने पास रख ली और उसे सलवार सूट अपने हाथों से पहना कर अपने कपड़े भी पहन लिए.
वो लंड न मिलने से उदास हो गई थी.
मैं उसे एक किस करके बाहर आ गया और घर से एक पुराना फोन लाकर उसे दे दिया.
मैंने उससे कहा कि मैं रात को फ़ोन करूंगा तो आ जाना.
वो खुश हो गई कि रात को चुदाई का मजा मिल जाएगा.
इसके बाद वो चली गयी.
दोस्तो, रात को मैंने उसे किस तरह से गर्म किया और खेत में ले जाकर चुत गांड को चोदा … वो सब मैं आपको यंग गर्ल सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
प्लीज़ मुझे मेल जरूर करें.
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यंग गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: कामवाली जवान लड़की की चुत गांड चुदाई- 2