जापान में मम्मी की चुदाई कर पत्नी बनाया

मम एंड सन की चुदाई का मजा लें इस गन्दी कहानी में! मेरे पापा की मृत्यु के बाद मैं मम्मी को अपनी जॉब के कारण जापान ले आया. वहां क्या क्या हुआ?

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्ष है और मैं 24 साल का एक नौजवान युवा हूँ.
अन्तर्वासना पर मैंने हजारों कहानियां पढ़ी हैं, पर आज तक कभी कोई सेक्स कहानी नहीं लिखी थी.

मेरे साथ भी एक अविस्मरणीय घटना हुई और मैं बताने से रह नहीं पाया.

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, तो कोई भूल चूक हो सकती है, अत: पहले ही माफी मांग रहा हूँ.

यह मम एंड सन की चुदाई कहानी करीब दो साल पहले शुरू हुई जब मैं अपनी स्नातक की पढ़ाई खत्म करके हॉस्टल से विदा लेकर घर आ रहा था.

ट्रेन से करीब चार घंटे का सफ़र तय करके मैं गांव आ गया.

पिताजी और माताजी को देखते ही मेरी आंखों में आंसू आ गए.
उनसे मैं करीब एक साल बाद मिल रहा था.

अब यहां से ही मेरी हवस की कहानी शुरू होती है.

पिताजी से मिलना तो ठीक रहा, पर मम्मी को देख कर मैं अवाक रह गया.
एक साल पहले मेरी मम्मी का फिगर 36-34-38 का था पर अभी उनकी कमर घटकर करीब 28 की हो गयी थी.

आपने बहुत सी कहानिया पढ़ी होंगी, तो आपको एक चालीस साल की औरत, जो दूध जितनी गोरी है, उसका ऐसा फिगर जानकर आप खुद कल्पना कर सकते हैं कि अपनी मम्मी का ये कामुक फिगर देख कर मेरी उस समय क्या हालत हो रही होगी.

खैर … शाम हुई और मम्मी खाना बनाकर मेरे पास बैठ गईं.
यहां पर एक चौंकाने वाली बात ये भी थी कि मेरी मम्मी ने लड़कियों जैसा चुस्त सूट सलवार पहनना शुरू कर दिया था.

मेरे पिताजी एक सरकारी नौकरी करते हैं और अपने सब परिवार से दूर एक गांव में दो सौ बीघा ज़मीन में अपनी हिस्सेदारी लेकर अलग होकर रह रहे थे.

सब कुछ खूब बढ़िया चलने लगा था. किसी भी तरह से कोई भी कमी नहीं थी.

एक दोपहर की बात थी. मैं अपने पुराने दोस्तों के साथ उनके घर पर था, तभी हमारे यहां का एक बटाईदार दौड़ता हुआ आया और मुझसे कहने लगा कि मलिक चल बसे.

उस समय मैंने ना आव देखा ना ताव और उसके गाल में एक चांटा जड़ दिया.

अगले ही पल मैं अपने खेतों की तरफ दौड़ पड़ा.
वहां मैंने देखा कि पिताजी के मुँह से खून निकल रहा था और वो ज़मीन पर गिरे बेहोश पड़े थे.
उनके बगल में मेरी मम्मी बैठ कर रो रही थीं.

मेरे दोस्त मेरे पीछे ही आ गए थे तो उनकी मदद से मैंने जल्दी से पिताजी को उठाकर कार में बिठाया और अस्पताल ले गया.
जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

फिर पिताजी के अंतिम संस्कार की विधि पूर्ण हुई.

मेरे पिताजी को मरे अब एक महीना हो चुका था. मम्मी की तबियत एक महीने से खराब थी.

इसी बीच मुझे जापान की एक कंपनी से से जॉब का लैटर आया. उसमें लिखा था कि मुझे तीन महीने के अन्दर ज्वाइन करना था.

ये बात मैंने मम्मी को पन्द्रह दिन बाद तब बताई, जब वो पूरी तरह से ठीक हो गयी थीं.

आज मैं आपको एक बात बताता हूँ कि एक विधवा औरत और एक बच्चे की सोचने की क्षमता एक जैसी होती है.

मेरी जॉब की बात सुनकर मम्मी खुश तो बहुत हुईं, पर फिर कहने लगीं- मैं तो यहां अकेली रह जाऊंगी.
मैंने मम्मी को बताया- आप भी मेरे साथ चल रही हो.

मम्मी कहने लगीं- यहां सब छोड़ कर जाओगे?
मैंने हां में सिर हिलाया.

मैंने मम्मी को बताया- हम वहां हमेशा के लिए जाएंगे.
जिस पर मम्मी ने पूछा- यहां का क्या होगा?

मैंने उन्हें बताया कि घर छोड़कर हम यहां की सारी जायदाद बेच देंगे और फिर वहां जाएंगे.

जैसा कि मैंने बताया था कि विधवा की सोच ज्यादा नहीं चलती है, मेरी मम्मी मेरी बात तुरंत मान गईं.

अगले ही दिन मैं अपने पिताजी के एक दोस्त के पास गया और उन्हें ज़मीन और सारी चीजें बेचने की बात बताई.
उन्होंने मेरी पूरी बात समझी और इस काम में मदद की.

जापान जाने के लिए मैंने लैटर आने के अगले ही दिन मेरा और मम्मी के पासपोर्ट वीसा के लिए अप्लाई कर दिया था.
कुछ ही दिनों में वो आ भी गया था.

सेक्स कहानी का खेल यहां से शुरू हुआ.

कुछ दिनों से मैं देख रहा था कि मम्मी हमेशा शॉर्ट नाइटी में रहने लगी थीं और वो अपनी उस छोटी सी नाइटी के अन्दर कुछ भी नहीं पहन रही थीं, जिसकी वजह से मैंने उनकी चुत के दर्शन कई बार कर लिए थे.

हॉस्टल से आने के बाद मैं अपनी मम्मी को देख कर उत्तेजित तो ज़रूर हुआ था पर उनकी चुदाई करने का मन अब ज्यादा करने लगा था.

एक बार तो हद तब हो गयी जब मम्मी ने मेरे सामने अपने सारे कपड़े उतारकर बदन पर सिर्फ़ पर एक चादर डाल की और सोफे पर नंगी लेट गईं.

ये सब देख कर मेरा आठ इंच का लौड़ा तो जैसे निक्कर फाड़ कर बाहर आने को हो गया था.
मैं अपने लंड को मम्मी की चुत में घुसाना चाहता था.

खैर … जापान जाने का दिन आ गया.
मैंने सोच लिया था कि अब मैं अपनी मम्मी की चुदाई जापान में करूंगा.

मम्मी ने सलवार सूट पहना और अपनी जवानी की गर्मी से मेरे लंड को झुलसाने लगीं.

मैं क्या बोलूं … मम्मी गजब कहर ढा रही थीं.
इस पर चार चाँद लगाने के लिए मैंने मम्मी को अपना काला चश्मा दे दिया.

जापान में मैंने जानबूझ कर होटल में एक बेड वाले कमरे को ही बुक कराया था.

रात को मम्मी ने मुझसे कहा कि हवाई जहाज में कम वजन लाने के चलते वो गांव से कुछ ज्यादा कपड़े नहीं ला पाई हैं, सिवाये चार सूट ही ला पाई हैं. मैं अब रात को क्या पहनूं?

ये मेरे लिए एक बढ़िया मौका था, तो मैंने कहा- आप सिर्फ़ ब्रा पैंटी में ही सो जाओ न!
मेरी मम्मी ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और हां में सिर हिला दिया.

सोने समय मैंने भी सिर्फ़ एक निक्कर पहनी थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना था.

मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सोई थीं, पर मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.

सुबह उठकर मैं ऑफिस गया और आते टाइम मैंने अपनी कम्पनी की मदद से एक फ्लैट भी खरीद लिया.

फिर मम्मी को मैंने फ्लैट दिखाया और शाम को हम दोनों शॉपिंग करने निकल पड़े.

हम दोनों ने पहले अपने बेड के लिए कुछ चादर आदि खरीदे.
फिर मैं मम्मी को कपड़े की दुकान में ले गया. जापान में और देशों के मुक़ाबले कपड़े का साइज़ काफ़ी छोटा होता है.

मैंने मम्मी की पसंद को देखा था तो मैं मम्मी को शॉर्ट्स वाले हिस्से में ले गया.
मम्मी को मैंने वो शॉर्ट्स आदि देखने को कहा.

चूंकि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं थी. बल्कि वो खुद मुझसे पूछने लगीं कि जींस वाली शॉर्ट्स लूं या नॉर्मल वाली.
मैंने कहा- दोनों ले लो.

मम्मी ने कहा- मुझे ब्रा-पैंटी और कुछ टी-शर्ट्स भी लेनी है.
तो मैं मम्मी को उस हिस्से में ले गया, जहां बड़ी ही कामुक ब्रा पैंटी का भंडार था.

मेरी मम्मी यहां सब देख कर एक बार को शर्मा गईं.
यहां सिर्फ़ थोंग्स थीं.

मैंने भी मौका देखते हुए कहा- यहां सिर्फ़ यही सब मिलेगी. आप ले लीजिए.

मेरी बात सुनकर मम्मी ने कुछ सैट ले लिए.
शॉपिंग करके हम घर वापस आए तो मम्मी ने कहा कि ये फ्लैट इतना छोटा क्यों लिया?

फ्लैट में सिर्फ़ एक ही कमरा था.

मैंने इसका कोई जवाब नहीं दिया और मैं सारे सामान रखने लगा.

मम्मी ने फिर माथे पर हाथ रखते कहा- अरे मैं नाइटी लेना तो भूल ही गयी.
जिस पर मैंने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा- तो क्या हुआ आप तो मेरे साथ लगभग नंगी सो चुकी हो, सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में साथ सोई थीं, तो अभी और क्या पहनने की ज़रूरत है.

मुझे ऐसा बोलते देख कर मम्मी कुछ नहीं बोलीं और किचन में चली गईं.
वो खाना बनाने की तैयारी करने लगीं.

मैंने कपड़े बदले और सिर्फ़ निक्कर पहन कर लेट कर मोबाइल चलाने लगा.

कुछ देर बाद मम्मी मेरे पीछे आईं और खड़ी हो गयी.

मम्मी पूछने लगीं- आजा क्या खाओगे?

जब अपनी नज़रें उठा कर उनकी तरफ देखा तो मेरा लंड सांप की तरफ फुंफकारने लगा.

मम्मी ने अपने कपड़े बदल लिए थे और इस वक्त वो थॉंग्ज़ और उसके ऊपर सिर्फ़ एक छोटा सा टॉप पहनी थीं.
ये टॉप बड़ी मुश्किल से उनकी कमर तक आ पा रहा था.

वो बड़ी बेबाकी से इस ड्रेस में खड़ी थीं.

मैंने सिर और ऊपर उठाया तो मम्मी के बड़े उभारों के कारण मुझे सबसे पहले उनकी चुचियां दिखाई दीं.
उनके थॉंग्ज़ पहनने के कारण उनकी चूत की लाइन दिखने लगी.

मम्मी मेरे सामने थीं तो उन्होंने मेरा खड़ा होता लंड देख लिया था.
मैंने भी लंड को छुपाने की कोशिश नहीं की. मैंने सोफे पर लेटे रह कर ही जवाब दिया- आपको.

मेरी मम्मी बिना कुछ बोले मुस्कुराकर किचन में चली गईं.

फिर खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे.

मैंने एक बेड वाला फ्लैट ही लिया था तो सोने में तो दिक्कत तो होने ही वाली थी.

खैर मम्मी अपना वही टॉप और थॉंग्ज़ पहनकर सोने आ गईं.
उन्होंने अपनी चुत पर एक चादर ढक ली.

मैं वॉशरूम से फ्रेश होकर आया तो कमरे की लाइट बंद होने पर भी मुझे मम्मी का टॉप दिखाई दिया जो कि शायद उन्होंने उतार दिया था.

इधर मैंने तो पहले से ही उनको चोदने का मन बना ही लिया था.
मैंने ये देखने के लिए एक नज़र मम्मी के चेहरे पर डाली कि उनकी आंखें बंद हैं या नहीं.

फिर मैंने बस पांच सेकेंड के अन्दर अपनी निक्कर और शर्ट उतार दी और चुपचाप जाकर बेड पर लेट गया.
एक चादर मैंने अपने ऊपर डाल ली.

आधा घंटा तक वैसे ही लेटे रहने के बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने धीरे से अपना हाथ मम्मी की जांघों पर ऐसे रखा जैसे मैं नींद में हूँ.

मम्मी की तरफ से कोई विरोध नहीं होने पर मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई.
अब मैंने अपना हाथ उनकी दोनों जांघों के बीच में ठीक उनकी चूत के ऊपर लगा दिया.

उन्होंने अपने दोनों पैर इस तरह से एक दूसरे के ऊपर रखे हुए थे कि उनकी चूत का दरवाजा अभी बंद था.
मेरी वासना अब मुझे खाए जा रही थी.

करीब दो मिनट बाद मम्मी ने करवट बदली तो उनका चेहरा मेरे सामने आ गया.
अब मेरा हाथ उनकी टांगों में और अच्छी तरह से फंस गया था जिस वजह से मम्मी की नींद खुल गयी.

नींद में होने के कारण मम्मी को ज़्यादा कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने झट से अपना हाथ उनकी टांगों से निकाल कर उनकी गांड पर रख दिया.

गद्दा छोटा होने के कारण जब मम्मी ने करवट ली तो उनके घुटने और मेरे घुटने टच होने लगे.
इस सबके चलते मेरा लंड उफान मारने लगा था.
मैं अपनी मम्मी की चुत को उनकी थोंग के ऊपर से सहला रहा था.

तभी मम्मी ने धीमी आवाज में कहा- क्या तुम मुझे चोदोगे नहीं?
ये सुनकर पहले तो मेरी फट गयी, फिर मैं झट से चादर को हटाया और अपनी मम्मी को अपने ऊपर खींच कर लिटा लिया.

मम्मी की आंखें बंद थीं और उसमें से आंसू भी टपक रहे थे.

मैंने बिना कोई देरी किए मम्मी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और करीब दो मिनट तक ऐसे ही चूमता रहा.

फिर मैंने मम्मी को अपने नीचे लिया और उनकी चड्डी को उतार कर दूर फैंक दिया.
मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया.
मम्मी ने आंखें बंद रख कर एक तेज आह भरी.

कुछ मिनट तक मैं उनकी चूत चाटता रहा. इसके बाद भी उनकी चूत से पानी नहीं निकला.

मैंने कुछ मिनट और उनकी चुत को चाटा तो उनके मुँह से जोर से चीख निकल गयी.

मैंने झट से उनके मुँह को दबाया और फिर से जल्दी जल्दी चुत चाटने लगा.
मम्मी अपना हाथ अपने मुँह पर रख कर अपनी कामुक आवाजें रोकने की कोशिश कर रही थीं.
तभी एक जोर की पिचकारी मेरे मुँह पर आ गिरी और मम्मी भी ठंडी हो गईं.

मुझे नहीं पता कि मम्मी कितने दिनों बाद झड़ी थीं, पर आप लोगो को जान कर हैरानी होगी कि मेरी मम्मी ने करीब एक स्माल पैग जितना पानी निकाला था.

फिर मैं खड़ा हुआ और अपना लंड लेकर मम्मी के मुँह से सटाया तो मम्मी ने झट से लंड को अपने मुँह में रख लिया.

मैं फिर से हैरान और खुश दोनों था कि मेरी मम्मी लंड चूसने की शौकीन भी हैं.

कुछ मिनट बाद मैं मम्मी के मुँह में ही झड़ गया और सीधा लेट गया.

मम्मी ने कहा- अब मेरी सालों की भूख मिटा दे बेटा!

ये सुनते ही मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.
मैंने अपने लंड का टोपा मम्मी की चूत पर टिकाया और एक बार में पूरा पेलने की नीयत से झटका दे मारा.

पहले शॉट में मम्मी की चुत कसी होने के कारण मेरा लंड सिर्फ दो इंच अन्दर जा पाया था.
शायद इतने सालों से नहीं चुदने के कारण मम्मी की चूत किसी जवान लड़की जैसी हो गयी थी.

मेरे दूसरे झटके में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और उनके मुँह से चीख निकल गयी.

मैं धक्के मारता रहा और मम्मी की चुत की धज्जियां उड़ाता रहा. मेरी मम्मी की कराहें और मदभरी सिसकारियां निकलती रहीं.

पूरा कमरा उनकी आवाजों से गूँज उठा था.

आधा घंटा बाद मैं अपनी मम्मी की चूत में ही झड़ गया.

अगली सुबह मेरी मम्मी बिना कपड़ों के मेरे साथ लेटी थीं तो मैंने मम्मी को किस करके जगाया.

फिर मैं नहा धोकर ऑफिस चला गया.

अब रोज ही हम दोनों के बीच खुल कर चुदाई का खेल चलने लगा.
हम दोनों घर में एकदम नंगे रहते थे.

फिर नौ महीने बाद वो हुआ, जो हमारे सेक्स करने का नतीजा था.
चुदाई के बाद होने वाले इस बच्चे की पैदाइश में हम दोनों की सहमति थी.

मम्मी ने एक लड़की को जन्म दिया.
आज वो नन्हीं (लड़की का नाम) डेढ़ साल की है. मैं अपनी मम्मी और बेटी के साथ बहुत खुश हूँ.

दोस्तो, आपको मेरी मम एंड सन की चुदाई कैसी लगी. मुझे ईमेल ज़रूर करें.
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