ट्रक ड्राइवर और हेल्पर ने जंगल में मंगल किया

मेरा नाम नीतू है.. मैं एक 38 साल बहुत गोरी और सेक्सी महिला हूँ।

जो घटना मैं बता रही हूँ.. वो 2 साल पुरानी है।
मैं अपने गाँव गई थी.. उधर से मुझे अगले दिन अपने घर वापिस आना था.. क्योंकि अगले दिन मुझे ऑफिस ज्वाइन करना था.. अगर मैं नहीं पहुँचती.. तो मेरी जॉब भी जा सकती थी।

मेरा गाँव से बस स्टैंड करीब 80 किलोमीटर दूर था.. जहाँ से मुझे करीब साढ़े दस बजे बस पकड़नी थी.. पर मैं लेट हो गई और मेरी बस छूट गई। मैंने पता किया कि बस स्टैंड पर सुबह तक कोई बस नहीं थी और मेरे पास वापिस गाँव जाने का भी कोई साधन नहीं था।
मैं बस स्टैंड में फंस गई।

जब मैं बस ऑपरेटर से बात कर रही थी तो वहाँ एक आदमी हमारे बातें सुन रहा था.. वो एक ट्रक ड्राइवर था.. जो वहाँ के होटल में खाना खाने रुका था।
मैं निराश होकर वहीं एक बेंच पर बैठ गई.. मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। फिर वो ट्रक ड्राइवर थोड़ी देर में मेरे पास आया और उसने कहा- मैं भी आपके शहर जा रहा हूँ.. और मैं आपको लिफ्ट दे दूँगा।

मैं डर गई.. और मैंने सोचा यह आदमी मुझे क्यों लिफ्ट देने के खुद आया है?
मुझे डरता देख कर वो बोला- आप अच्छे से सोच लो.. मैं दस मिनट में निकलूँगा.. चलना हो तो बता देना।
और वो चला गया।

फिर मैंने सोचा कि उसके साथ जाना ठीक रहेगा कि नहीं.. मेरा जाना भी जरूरी था और बस स्टैंड भी खाली था.. वहाँ मैं ही एक अकेली औरत थी।
मैंने सोचा कि रास्ता तो हाईवे का है.. जहाँ हमेशा गाड़ियाँ चलती रहती हैं.. ऐसे रास्ते में वो मेरे साथ कुछ नहीं कर सकता।

दस मिनट बाद जब वो वापिस आया तो मैंने ‘हाँ’ कर दी।

उस रात मैंने लाल रंग की साड़ी पहनी थी। वो मुझे अपने ट्रक तक ले गया, मैं उसके ट्रक में बैठ गई, उसके साथ उसका एक हेल्पर भी था.. जो पीछे की सीट पर बैठा था।
थोड़ी देर में ड्राइवर आ गया.. उसने बस लुंगी और बनियन पहना था।

फिर हम वहाँ से चल पड़े.. करीब 20-30 किलोमीटर जाने के बाद उसने गाड़ी एक कच्चे रास्ते में उतार ली।
मैं घबरा गई.. उससे पूछा- ये कहाँ ले के जा रहे हो?
उसने कहा- मैडम ये दूसरा रास्ता है और यहाँ से टोल नाका देने से बच सकते हैं.. और ये एक शॉर्टकट भी है।

थोड़ी दूर जाने पर जंगल जैसे रास्ता आ गया.. मेरा डर बढ़ने लगा।
थोड़ी दूर जाने के बाद उसने ट्रक रोक दिया।
कहा- मुझे जरा पेशाब करना है.. आपको भी करना हो.. तो कर लो।

वे दोनों उतर गए और साइड में पेशाब करने लगे। मैं भी उतर गई और ट्रक के पीछे जा कर मैंने पेशाब कर ली।

जब मैं लौटी.. तो वो दोनों ट्रक के बाहर ही खड़े थे।
ट्रक ड्राइवर ने मुझसे आगे ले जाने के लिए पैसे माँगे।
मैंने कहा- पैसे की तो कोई बात नहीं हुई थी।

मैं डर के मारे काँपने लगी.. वो नहीं माना.. मैंने पूछा- कितने पैसे चाहिए?
वो बोला- पांच हजार..
मैं बोली- ये तो बहुत ज्यादा हैं।
वो बोला- चलना है.. तो पैसे दो।

मेरे पास बस एक हजार रुपए थे.. मैंने उसे दे दिए.. पर वो बोला- पूरे दो.. नहीं तो मैं अपना ट्रक लेकर जा रहा हूँ।
मैंने कहा- मेरे पास और पैसे नहीं हैं..
तो वो बोला- ठीक है आप अपना बदन दिखा दो.. तो सब बराबर हो जाएगा।

मैं अब बहुत डर गई.. मैंने ‘ना’ कहा.. तो वो मुझे वहीं जंगल के बीच में छोड़ के जाने लगा।
मैं अब फंस गई थी.. मुझे मजबूरी में मानना ही पड़ा, मैं बोली- ठीक है.. मैं अपना बदन दिखाऊँगी।

फिर उसने ट्रक के सामने जाने को कहा और कपड़े उतारने को कहा।
मैं ट्रक के सामने चली गई।

मुझे ट्रक की हेडलाइट के कारण कुछ नहीं दिख रहा था.. वो दोनों भी नहीं.. जो ट्रक के साइड में खड़े थे।
मैंने धीरे-धीरे अपनी साड़ी उतारी और साइड में रख दी।
फिर अपना ब्लाउज.. फिर पेटीकोट भी उतार दिया।

मैं अब बस बीच सड़क में अपनी ब्रा पैन्टी में खड़ी थी, मेरा गोरा बदन ट्रक की हेडलाइट में चमक रहा था।
मैंने कहा- हो गया.. बस.. अब चलें?
उसने कहा- अभी रूको..

मुझे वे दोनों नहीं दिख रहे थे।
फिर वो धीरे-धीरे मेरे करीब आने लगे.. तो मैंने देखा कि वे दोनों पूरे नंगे थे.. उनका 8 इंच का लंड पूरी तरह से खड़ा था।
फिर ट्रक ड्राइवर ने मुझे पकड़ लिया और मेरे मम्मों को दबाने लगा।

वो हेल्पर नीचे बैठ गया और मेरे गोरी टाइट जाँघों को चाटने लगा।
मैं कुछ नहीं कर सकी.. मैं अकेली क्या कर सकती थी!
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फिर दोनों ने मेरी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी।
अब मैं एक सुनसान सड़क में दो मर्दों के साथ नंगी थी।
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फिर ट्रक ड्राइवर नीचे बैठ कर पीछे से मेरे मस्त गोरे बड़े बड़े चूतड़ चाटने लगा।
तभी हेल्पर खड़ा हुआ और उसने अपने होंठ मेरे होंठ से लगा लिए और मुझे किस करने लगा।
वो अपनी जीभ से मेरी जीभ को टच करने लगा और अपने थूक को मेरे मुँह में देने लगा।

थोड़ी देर ऐसा ही चला.. फिर ड्राइवर बोला- चल इसको लेटा दे अब इसे चोदते हैं.. साली बहुत गरम माल है।

उन्होंने मुझे कुतिया के जैसे होने को कहा.. ड्राइवर ने अपना पूरे 8 इंच का काला लंड मेरी चूत में डाल दिया, मेरी ‘अहहा..’ निकल गई।
ड्राइवर हेल्पर से बोला- अबे चुप करा इस रंडी को..

फिर हेल्पर ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.. दोनों ऐसे ही जगह बदल-बदल के मेरी खूब चुदाई करते रहे और आखिर में मेरी चूत में ही झड़ गए।

मैं थोड़ी देर वहीं नंगी पड़ी रही।
फिर मैंने दम साधी और खड़े होकर अपने कपड़े उठाने लगी.. तो ड्राइवर ने मुझे फिर पकड़ लिया और कहा- तू ऐसे ही नंगी बैठेगी।
हम सब नंगे ही ट्रक में बैठ गए।

मैं दो नंगे आदमियों के बीच में नंगी बैठी थी और ट्रक फिर चलने लगा। फिर आधे घंटे के बाद हेल्पर ने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपनी गोद में बैठा लिया और मेरे मम्मों को चूसने लगा।
बोला- गुरू जी.. इस नंगी रंडी को देख कर.. मेरा तो फिर से खड़ा हो रहा है।

वो बोला- मेरा भी.. भाई चल एक राउंड और हो जाए।
मैंने कहा- नहीं.. मैं मर जाऊँगी।

वो नहीं माने और हेल्पर फिर से मुझे कुत्तों की तरह किस करने लगा और फिर उन्होंने चलती गाड़ी में मेरी चुदाई की।
जब मेरा शहर पास आया तो ट्रक ड्राइवर ने फिर से ट्रक को साइड में रोक कर सड़क में मेरी चुदाई की.. और इस बार उन्होंने मेरे मुँह पर अपना माल झाड़ दिया।

मैंने खुद को साफ़ किया और अपने कपड़े पहन लिए।

उसने मेरी पैन्टी रख ली और मुझे 5 किलोमीटर पहले उतार दिया।
मैं उधर से टैक्सी लेकर अपने घर गई।
अब मैं सोचती हूँ कि उस रात जो भी हुआ, मज़ा तो मुझे भी आया था।

दोस्तो, इस चुदाई के बारे में आपकी क्या राय है मुझे जरूर लिखना।
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