तीनों ने मिल कर मुझे मजा दिया

मेरा नाम मधु (नाम बदला हुआ) मैं शारीरिक रूप से पुरूष हूँ.. पर मानसिक रूप से पुरूष या महिला हूँ.. इस बात पर भ्रम में हूँ।
मेरी उम्र 25 वर्ष है.. कद 5 फुट 5 इंच है.. रंग गेहुँआ है।

यह बात एक महीने पहले की है.. जब मेरी जॉब एक एनजीओ में लगी थी। मेरी पहली पोस्टिंग आजमगढ मंडल के एक जिले में हुई थी।
एक दिन उस एनजीओ में एक नुक्कड़ नाटक होने के दौरान एक महिला का रोल की बात सामने आई.. तो कोई तैयार न हुआ। तो हमारे मैनेजर ने सबके नाम की पर्ची उछाली और मेरा नाम निकाल कर लड़की का रोल करने के लिए राजी कर लिया।

उसी शाम मुझे लड़कियों के सारे मेकअप के समान 5 इंच की हील वाली सेन्डल और एक नकली बालों की विग खरीद दी गई। दूसरे दिन ही एक ब्यूटी पार्लर वाले को बुला कर मुझे पूरी तरह से लड़की बना दिया गया।

तैयार होने के बाद मैं एक अप्सरा से कम नहीं लग रहा था।

तभी पहली बार मुझे लड़की होने का एहसास हुआ। मुझे अपना रूप इतना अच्छा लगा कि मैंने नुक्कड़ नाटक खत्म होने के बाद भी उन्हीं कपड़ों को पहनने लगा और आफिस से घर आने-जाने लगा।

एक रात मेरे कमरे की डोर-बेल बजी। दरवाजा खोला तो 3 हट्टे-कट्टे जिनकी उम्र 20-25 तक होगी और सबका रंग गोरा.. सभी लगभग 6 फुट के थे।
उन लड़कों ने धड़ल्ले से मुझे गोदी में उठा लिया और अन्दर घुस आए, उन्होंने दरवाजा बन्द कर लिया।

मैंने उस समय एक ब्लैक ब्रा-पैंटी और ऊपर से नाइटी… साथ में हाई हिल वाली सैंडल और मेकअप में काजल और लिपिस्टिक लगा रखी थी।

मेरा रूप देख कर वे तीनों ही जोश में आ गए और मुझसे कहा- तू घबरा मत.. हम सब तेरी गाण्ड मारने आये हैं।
तभी उनमें से एक ने अपना बैग खोला और बिस्तर के इर्द-गिर्द चार कैमरे लगा दिए और मेरे सारे कपड़े फाड कर मुझे नंगा कर दिया।

एक ने अपना लंड खोल कर उसने मेरे मुँह में डाल दिया और जोर-जोर से चूसने को कहा।

मेरे पास कोई रास्ता नहीं था, मैंने पहले कभी ये सब नहीं किया था, मैं चुपचाप उसका लंड चूसने लगा। कुछ देर बाद लंड इतना बड़ा हो गया कि मेरे गले तक उसका लंड आने लगा।

फिर 20 मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं और भी जोरों से उसका लंड चूसने लगा।
तभी दूसरे ने मेरे सीने पर मेरे दोनों निप्पलों को पकड़ लिया और जोरों से मसलने लगा।
तीसरे ने अपना लंड मेरी गांड में दे मारा.. मेरे शरीर में अब अजीब सी सिरहन होने लगी।

बेहताशा दर्द होने पर जब मैंने विरोध किया.. तो उसने मेरी गांड से लंड निकाल कर मेरे चूतड़ों पर गिनकर 10 थप्पड़ लगाए और फिर मेरे गांड में लंड को दे मारा। अब वो और भी जोरों से अन्दर-बाहर करने लगा।

तभी जो लंड मेरे मुँह में था.. उसने सारा रस मेरे मुँह में मेरे हलक तक उतार दिया।
उसके बाद जो लंड मेरी गांड में था उसको मेरे मुँह में डाल दिया। जो मेरे सीने को मसल रहा था.. उसने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया।

मेरे मुँह से कराहें निकल रही थीं- आह.. उफफ.. हफफ.. उम्म्म्म्..
लगभग 15 मिनट बाद उन दोनों हरामियों ने मेरे मुँह और मेरी गांड में एक साथ सारा रस छोड़ दिया।

अब उन्होंने कहा- आज तू पूरी तरह लड़की बन गया।

इसके बाद उनमें से एक ने अपने बैग से एक इंजेक्शन निकाला और मेरी गांड में लगा दिया और कहा- ये लड़कियों के हारमोन्स के इंजेक्शन है।

इसके बाद उन सभी ने अपने कपड़े पहने और सारे कैमरे समेट कर जाते-जाते कहा- तेरी चुदाई की वीडियो तुझे हम कोरियर कर देंगे और दुबारा ये वीडियो बनवाना हो.. तो वीडियो में ही मेरा नम्बर होगा.. उस पर काल करना।

यह कहकर वे चले गए।

इसके बाद जब मैं बिस्तर से उठा तो मैं बुरी तरह कांप रहा था और मैंने अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश की.. तो मैं वहीं गिर पड़ा और सुबह तक वहीं उसी तरह पड़ा रहा।

सुबह मेरे जिस्म में कुछ जान आई तो मैं अपने बाथरूम में गया और शीशे में मुँह देखा तो थप्पड़ के निशान अभी तक पड़े हुए थे और गांड तो पूरी ही छिल चुकी थी.. जिसे छुआ भी ना जा रहा था।

कुल मिला कर दर्द तो मुझे बहुत हुआ.. पर उससे कहीं ज्यादा मजा भी बहुत आया।
यही थी मेरी पहली चुदाई… इन्हीं कारणों से मैं भ्रमित हूँ कि मैं लड़का हूँ या लड़की।
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