तमाम पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार !
मेरा नाम जेज़ी है, चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5’9″, रंग गोरा, शरीर स्वस्थ, लंड की लम्बाई 6.5 इंच है, मोटाई 2.2 इंच।
अन्तर्वासना का बहुत समय से पाठक हूँ, मुझे भी लगा कि मुझे भी कुछ लिखना चाहिए।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, जो मैं बताने जा रहा हूँ वो पिछले सप्ताह मेरे साथ हुई आपबीती पर आधारित है।
मेरा एक दोस्त है जिसका नाम रोमी है, वो बहुत चोदू है हर रोज़ कोई ना कोई लड़की ठोकता है। अगर कोई लड़की ना मिले तो कॉल गर्ल के पास जाता है, उसकी एक गर्लफ्रेंड है जिसका नाम नीलम है, वो अक्सर उसे बजाता है।
नीलम बहुत ही सेक्सी है रंग गेहुआ, फिगर 34-30-36 है, उसको देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। उनका एक करियाणा स्टोर है अक्सर वो वहीं पर होती है। मैंने कई बार रोमी से कहा है कि मुझे भी नीलम जैसी लड़की की फुद्दी दिलवा दे और वो कहता दिलवा दूँगा।
सोमवार को मैं और रोमी साथ थे, अचानक नीलम का फोन आया- कहाँ पे हो?
रोमी- बाज़ार में हूँ!
नीलम- जल्दी से स्टोर में आओ।
रोमी- मैं जेज़ी के साथ हूँ।
नीलम- उसे भी साथ ले आओ।
हमने कार स्टार्ट की और 10 मिनट में नीलम के स्टोर पहुँच गये। मैं कार में ही बैठा रहा और वो दुकान मे चला गया, थोड़ी देर बाद रोमी आया और कहने लगा- मेरे साथ चल, तुझे नीलम बुला रही है।
और मैं उसके साथ चला गया, हम दोनों अन्दर जाकर बैठ गये। नीलम के साथ एक लड़की थी जो चाय की ट्रे लिये हुए हमारी तरफ़ आ रही थी।
रोमी के पूछने पर नीलम ने बताया कि वो उनकी सहेली है…रेखा !
रेखा कमसिन जवान लड़की थी, उसकी आँख़ें बड़ी शरारती थी, बालों को बाँध कर जूड़ा बनाया हुआ था जिससे वो बहुत सेक्सी लग रही थी, काफ़ी उभरे हुए चूचे, गुलाबी लब, उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था और एकदम जबरदस्त माल लग रही थी।
मैं काफ़ी देर तक उसे देख़ता रहा, उसने कहा- घूरते ही रहोगे या कुछ बात भी करोगे?
फिर वो दोनों हंसने लगी।
हमने चाय पी और वापस मार्केट में आ गये। मैं और रोमी आपस में रेखा के बारे में बात कर रहे थे कि अचानक मुझे नीलम का फोन आया और वो कहने लगी- मैंने रेखा से तुम्हारे लिये बात की थी और उसने हाँ कर दी है।
और उसने मुझे रेखा का नंबर दे दिया।
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर उड़ने लगा और मैंने बिना टाइम गंवाए रेखा का नंबर डायल किया, थोड़ा डरा हुआ था, पता नहीं क्या होगा !
रेखा- हेल्लो !
मैं- हाँ, आप रेखा हो?
रेखा- हाँ, आप कौन?
मैं- मैं जेज़ी, नीलम ने नंबर दिया था…
रेखा- ओह ! कैसे हो?
मैं- ठीक हूँ…
रेखा- ओके ! मुझे मिलोगे आज रात?
मैं- जी हाँ ज़रूर!
रेखा- हाँ ! देखो, सही सही बता देती हूँ, मुझको गोल मोल बात नहीं करनी आती … आप आज रात को ही चोद सकते हो, बता दो?
मैं थोड़ा घबरा गया और हड़बड़ाने लगा।
रेखा- घबराओ मत ओके ! आज रात 11 के बाद मिलते हैं!
और उसने अपना पता मैसेज कर दिया।
इतनी जल्दी हुई इस गतिविधि से मेरी तो बांछें खिल गईं थी, मुझे कहाँ पता था कि मुझे इतनी जल्दी मौका मिल जाएगा रेखा से अकेले में मिलने का और उसकी फुद्दी मारने का, मेरा लण्ड उसके बारे में सोच कर उछालें मार रहा था… बड़ी मुश्किल से टाइम पास हो रहा था, अपनी घड़ी को हर मिनट में देख रहा था।
आख़िर वो टाइम आ ही गया, मैंने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और उसके घर पहुँच गया, मैं जैसे ही घर में घुसा, रेखा ने मुझे पकड़ लिया और बेडरूम तक खींच कर ले गईं।
फिर उसने अपनी मेक्सी उतारी और मेरे कपड़े उतारने लगीं। अब वो नंगी थी और मैं सिर्फ़ अंडरवीयर में था, उसने लंड को हाथ लगाया मेरा खड़ा था, और बोली- आह आ आह काफी बड़ा है।
मैंने उसे बड़े प्यार से बेड पर लिटा दिया और उसके होठों पे होंठ रख दिए, चूसने लगा। जैसे ही उसके चूचे चूसने लगा उसके मुँह से आआह… उफ्फ… ईईऊऊ… आहें निकल रही थी।
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। इससे उसे और गर्मी आ गई और आह आह… अहह उफ्फ़ उईई ईऊऊ…ईऊऊ…ईऊऊ… आह करने लगी।
फिर मैंने अपना लवड़ा उसकी चूत पर रख दिया और अन्दर की तरफ झटका मारा, मैंने दूसरे झटके में पूरा अंदर डाल दिया तो उसकी हल्की चीख निकल गई, मैंने उसके लबों पर अपने लब रख दिए। अब मेरा लंड और उसकी चूत आपस में एक दूसरे के साथ गुत्थम गुत्था हो रहे थे।
उसकी चूत ज्यादा कसी हुई नहीं थी और ज्यादा ढीली भी नहीं थी.. लंड आराम से जा रहा था उसकी चूत के अंदर.. एकदम गीली थी तो काफी मज़ा आ रहा था।
मैंने उसको उल्टा लिटा दिया और अपना लंड पीछे से उसकी चूत में फिर डाल दिया। मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उसके मम्मे पकड़ कर कस कर चोदने लग,, अब तो पूरे कमरे में फच-फच का मधुर संगीत गूंजने लगा।
और ऊपर से उसकी सेक्सी सिसकारियाँ- हाय… हाय… उस्स आअह मम्म… उफ्फ ! और जोर से चोदो मुझे ! मम्म आआअह ह्ह्ह आआअह्ह ह्हह्ह चोदो ना चोदो ना… और करो… सीईईअह, काफी दिन हो गए चुदे हुए !
चोदो चोदो और तेज़ ह्ह्ह सीईई मम्म म्मम।
फिर मैंने उसे अपने लण्ड के ऊपर बैठा लिया और रेखा अपने आप उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी, लण्ड पूरा जड़ तक उसकी फ़ुद्दी में था, वो पागल सी हो रही थी- अब तक कहाँ थे, मुझे पहले क्यों नहीं चोदा, और चोदो ना, जोर-जोर चोदो!
और ना जाने क्या क्या बकती चली गई। उसकी बुर फच-फच करने लगी, मैंने अपना माल उसके वक्ष पर गिरा दिया।
हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे, मैंने उसे दोबारा नीचे लेटाया और दोबारा चोदना शुरू कर दिया, मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। वो मेरे से चिपक गई क्योंकि वो और मैं दोनों झड़ने वाले थे, लगता था वो जन्मों की प्यासी है, सांसों का सैलाब दोनों को ले डूबा, मेरे शरीर का ज्वालामुखी फट पड़ा, सारा का सारा माल अन्दर ही छोड़ दिया, फिर उसे अपने आगोश में लेकर कितनी देर पड़ा रहा, याद नहीं।
जब होश आया रात के दो बजने वाले थे, रात में अलग अलग स्टाइल से तीन बार किया, घोड़ी स्टाइल उसे सबसे ज़्यादा पसन्द आया।
तो दोस्तो, यह थी पहली ही मुलाक़ात में चुदाई… आपको कैसी लगी, जरूर मेल करें।
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