मेरी प्यासी मौसी की चुदाई की कहानी

मेरी हम उम्र मौसी की चुदाई मौसी की पहल पर ही हुई… कैसे?

मेरी उम्र 27 साल की है। यह बात लगभग कई साल पहले की है, जब मैं बी.एससी. में था। मेरी एक मौसी हैं, जो मेरी हम उम्र ही हैं और मुझसे पूरी तरह खुली हुई हैं, मुझसे हर तरह की बात कर लेती थीं। मौसी हाइट में 5.5 फीट की हैं.. व उनकी फिगर 32-34-32 की है। मौसी देखने में कमसिन हैं.. उनकी उस वक्त शादी हुई ही थी। लेकिन वो मौसा को पसंद नहीं करती थीं.. मौसा भी देखने में जानवर सा था। मौसी बस किसी तरह अपना टाइम काट रही थीं। उनकी सुहागरात भी बढ़िया नहीं हुई थी, जैसा कि मौसी ने मुझे बताया था, वो प्यासी रह गई थी।

उन दिनों जाड़े के दिन थे, मौसी हमारे यहाँ शादी के बाद पहली बार आई थीं.. वो बड़ी सुन्दर लग रही थीं। मैंने जैसे ही देखा, तो उस वक्त मेरे मन में उनके लिए गंदे विचार नहीं थे। लेकिन मेरा मन उस रात से उनके लिए बदल गया था, जब वो मेरे साथ बिस्तर पर सो रही थीं।

कुछ दिन ऐसे ही कटते रहे। वो उदास सी थीं, लेकिन जब मेरे साथ होतीं, तो पूरी तरह से खुश रहतीं।

एक दिन घर वालों को बाहर जाना पड़ा, जिसकी वजह से मैं और मौसी ही घर में रह गए। सर्दी में दिन तो किसी तरह धूप में कट गया, लेकिन रात होते ही ठंड बढ़ गई। रात में मौसी ने मुझे अपने पास ही सोने को कहा तो मैं उनके साथ ही लेट गया, हालांकि हम दोनों की रज़ाईयां अलग-अलग थीं।

मैं करवट लेकर लेट गया। रात में करीब 2 बजे करीब मुझे अपने ऊपर हाथ सा महसूस हुआ, मेरी आँख खुल गई। मैंने देखा कि वो मौसी का हाथ था।
मैं चुपचाप लेटा रहा।

थोड़ी देर बाद उनका हाथ हरकत करने लगा, मौसी मेरी पीठ पर हाथ घुमा रही थीं और मेरे करीब आती जा रही थीं। तभी मैं सीधा होकर लेट गया। मेरे सीधा लेटते ही मौसी मेरी जाँघों पर हाथ फेरने लगीं और मेरा लंड ढूँढने लगीं।

उन्होंने अपना हाथ रज़ाई में डाल लिया और मेरा लंड पकड़ लिया।

मेरी एकदम से आँख खुल गई.. मैंने मौसी से कहा- ये क्या कर रही हो.. ये गलत है?

लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों को चूसने और चूमने लगीं। मौसी कहने लगीं- मेरी प्यास बुझा दे.. मैं बहुत प्यासी हूँ।
मुझे देखते ही उनका मन मुझसे चुदवाने का हो गया था, उन्होंने रज़ाई हटा दी और मेरा लंड अपने हाथों से मसलने लगीं।

मेरे अन्दर भी चुदास का करेंट सा जाग उठा, मैंने उनके बाल पकड़े और अपने होंठों से सटा कर उनके होंठ चूसने लगा, साथ ही मैंने अपने हाथों से उनकी टाइट गांड पर पकड़ मजबूत कर दी।

कुछ देर की चूमाचाटी के बाद मैंने उनका शर्ट निकाल दिया.. अन्दर उन्होंने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मैंने ब्रा के ऊपर से उनके चूचे दबाए और पीछे से हुक खोल कर चूचे बाहर निकल लिए। फिर मौसी के गुलाबी निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा।

मैंने कुछ ही पलों के बाद उनको बिस्तर पर नीचे कर लिया और उनके ऊपर चढ़ गया। उन्होंने मेरे ऊपर के कपड़े उतार दिए और कहने लगीं- अह.. ऐसी मर्दाना छाती कम ही देखने को मिलती है।
मैं उनके निप्पल पिए जा रहा था.. उनके मुँह से तो बस ‘अहहह..’ निकल रहा था।

मैंने मौसी का नाड़ा तोड़ कर सलवार उतार दी। अन्दर उन्होंने ब्लैक पेंटी पहनी हुई थी, उनकी टांगें बहुत ही गोरी थीं।
उन्होंने मेरा लोवर निकाल दिया और मेरी फ्रेंची दूर फेंक दी। अब मैं बिल्कुल नंगा था.. वो मेरा लंड देखे जा रही थीं- ओह.. तेरा लंड तो 7 इंच का है.. मेरे उस चूतिया पति का तो बस 4 इंच की लुल्ली सी ही है।

मैं उनकी पेंटी उतार कर उनकी चूत पर जीभ फेरने लगा, वो पागल सी हो गईं, मौसी ‘आआअह..’ करने लगीं।

थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.. वो लंड को गपागप करके चूसने लगीं। अब मेरा लंड बहुत टाइट हो चुका था।
मैंने मौसी की चुदाई का अगला कदम बढ़ाने को कहा.. तो उन्होंने एकदम टांगें खोल कर चूत पसार दी। मैंने अपना लंड मौसी की चूत में डालने की कोशिश की, तो टाइट चूत होने की वजह से लंड अन्दर जा नहीं पा रहा था।

मैं उठ कर सरसों का तेल ले आया और अपने लंड पर तेल लगा लिया, थोड़ा तेल मौसी की चूत के मुँह पर भी लगा दिया।
अब मैंने उनसे लंड को पकड़ कर चूत में रखने को कहा.. उन्होंने लंड को चूत के मुँह पर टिका दिया, मैंने उनके कंधे पकड़े और ठोकर मार दी।

मेरा लंड जैसे ही अन्दर घुसा, वो चिल्ला उठीं- प्लीज़ छोड़ दो.. मैं मर जाऊँगी..!
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उन्हें समझाया कि बस 5 मिनट का दर्द है फिर मजा ही मजा है।

मैंने फिर से धक्का मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत में ठेल दिया। वो मोटे लंड के कारण चीख पड़ीं उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने उनके होंठों पर होंठों रख लिए और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा।
उनकी आँखें बाहर को आ गई थीं.. मुँह से बस ‘उम्म्म्मो.. मर गई रे..’ की आवाज़ निकल रही थी।

फिर मैंने थोड़ा लंड और अन्दर किया तो उनकी आँख बंद हो गईं। मैंने उनके कंधे पकड़ कर ज़ोर से धक्का मारा तो उनकी चूत से खून निकल पड़ा।

दर्द की अधिकता से थोड़ा रुकने के बाद फिर से खेल शुरू हुआ। अब वे मुझसे लिपट गईं और होंठों को पीने लगीं।

अब मैं उन्हें चोदे जा रहा था और वे ‘आअहह.. एम्म.. आअह.. उमम्म्म..’ की आवाज़ निकाल रही थीं। थोड़ी देर बाद मौसी चुदाई में मेरा साथ देने लगीं।

अब मैंने उनकी टांगें हवा में उठा दीं और अपना लंड पूरा का पूरा मौसी की चूत में पेल दिया। वे भी मेरा साथ दे रही थीं।
बिस्तर भी ‘चींचीं.. चूँचूँ..’ कर रहा था।

अब मैंने मौसी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया। फिर पीछे से बाल पकड़ कर चूत में लंड उतार कर अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
उनकी गांड बड़ी मस्त लग रही थी.. मैं जब भी धक्का लगाता, तो उनकी गांड उछल पड़ती।
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वो मस्ती में कहे जा रही थीं- आह.. तेरी मौसी बहुत प्यासी थी.. आज तूने अपनी मौसी की चुदाई करके प्यास बुझा दी.. ऐसे ही खुजली मिटा दे मेरी आह..!

अब मैं नीचे आ गया और वो मेरे ऊपर एकदम लंड पर बैठ कर हिलने लगीं। मैं भी उनकी गांड पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगा।

कुछ ही देर में वो झड़ने वाली थीं.. मैंने उनकी गांड पकड़ कर धक्के तेज़ कर दिए। चूत के झड़ते ही उन्होंने मेरी कमर में नाखून चुभो दिए और अकड़ गईं, ‘अहह..’ करती हुई.. वो ढीली पड़ने लगी थीं.. लेकिन मैं तो रुका पड़ा था।
दो ही पल बाद वो मुझे जल्दी चोदने को कहने लगीं। मैंने उनको नीचे लेटाया और चूत पर पिल पड़ा।

अब मैं उनकी चूत ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। कुछ ही देर बाद मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.. किधर निकलूं?
वो बोलीं- चूत में ही झाड़ दे।

तभी मैंने ज़ोर से उनके कंधे पकड़े और चूत में अन्दर तक झड़ता चला गया।

थोड़ी देर मैं ऐसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा। मौसी बहुत खुश थीं.. कहने लगीं कि मैंने उनकी प्यास बुझा दी और ये कहते हुए वो मुझसे लिपट कर सो गईं।

अब जब भी मौसी यहाँ आतीं या मैं वहाँ जाता.. तो हमेशा मौसी की चुदाई मस्त होकर होती।

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