हरियाणवी मखौल

नया नया ब्याह होया था एक हरियाणवी छोरे रुलदू का।

सुहागरात के टाइम वो कनफ्यूज हो गया के अक घर आली गेल बातचीत क्यूकर शुरू करूं.(बात शुरू कैसे करूँ)

आधै घंटे पाछै सोच साच के अपनी नवी नवी घर आली तै बोल्या (आधे घंटे बाद काफी सोच कर बोला-)

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री छोरी… थारे घर क्यां नै तो बेरा होगा अक तू आज रात म्हारै घरां रुकेगी? (आरी लड़की तेरे घर वालों को तो पता है ना कि आज टू यहीं रुकेगी?)
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दस साल बाद वही रुलदू 30 दिन से बिना बताये घर से गायब रहा. और जब घर लौटा तो-

घर आली – मैं थारे गम में बीमार पड़ी थी, जै मैं मर जाती तो?

रुलदू- तो मैं कोण सा श्मशान की चाबी अपणे साथ ले ग्या था?