दोस्तो, कैसे हो आप सभी लोग? उम्मीद है इस वेबसाइट अन्तर्वासना डॉट कॉम के होते आप सभी को रोजाना परम आनन्द की प्राप्ति होती होगी।
आप सभी को भी बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी पिछली कहानी,
सेक्सी मालकिन की चूत चुदाई
पढ़ी और आपने उससे बहुत पसंद करा, मैं माफी चाहूँगा अगर में किसी पाठक के मैल का ढंग से जवाब ना दे पाया हूँ तो।
तो आज की कहानी भी पिछली कहानी की तरह ही वास्तविक है।
पहले कुछ अपने बारे में फिर से बता देता हूँ, मेरा नाम विक्रम सिंह है और कोटा के ही एक कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरा लौड़ा 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है।
आज की कहानी मेरी और एक खूबसूरत लड़की की है जिसका नाम रानी (बदला हुआ) है जिसकी उम्र लगभग 19 साल की होगी। यह कहानी उसी की सहमति से लिखी जा रही है।
बात कुछ दिन पहले की है जब मुझे कोटा की ही एक लड़की का मेल आया था। बाकी सभी की तरह उसने भी मेरी कहानी की तारीफ की और ऐसे हमारी बातों का सिलसिला शुरू हुआ और जो चूत चुदाई पर जाकर ख़त्म हुआ।
शुरू में जब उसने बात की तो मुझे लगा कि यह ज़रूर कोई फेक लड़की है। पर एक दिन बातों बातों में उसने मुझसे मेरे नंबर माँगे। तो उससे बाते करने के बाद उस पर विश्वास हुआ और फिर हम रोजाना फोन पर ही बातें करने लगे।
हम ज्यादातर रात में ही बाते,ब करते थे क्योंकि दोनों को वक़्त भी उसी वक़्त मिलता और कोई परेशान भी नहीं करता।
कुछ ही दिनों में हम दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त बन गये और हम सेक्स चेट भी करने लग गये।
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा… फिर एक दिन मैंने उसकी फोटो माँगी तो उसने कुछ ही देर में मुझे उसकी फोटो भेज दी।
क्या कमाल की लड़की थी, देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया। उसके स्तन को देख कर लग रहा था कम से कम 36″ के रहे होंगे, एकदम गोरी लड़की जैसे मानो रोजाना वो दूध से ही नहाती हो।
फिर मैंने उसके कुछ और फोटो माँगे जो बिना कपड़ों के हो तो पहले उसने मना कर दिया… और यह सही भी था, कोई लड़की ऐसे किसी को अपनी पर्सनल फोटो नहीं देती, भले ही हम अच्छे दोस्त थे लेकिन कभी मिले जो नहीं थे।
फिर मेरे काफ़ी समझाने पर अपनी कुछ नंगी फोटो भेजी लेकिन उसने अपना चेहरा हटा दिया था (यह उसने मेरे ही कहने पे किया) फोटो अलग अलग जगह की थी कुछ पूरी, कुछ उसकी चूत, और कुछ उसकी गांड की भी थी।
अब आप सोच सकते ही होंगे मेरा क्या हाल हुआ होगा, फोटो देखते देखते ही मेरा पानी निकलने लग गया था। इतनी खूबसूरत लड़की की नंगी फोटो आपके सामने हो और आपकी हालत खराब ना हो तो आपकी मर्दानगी पे ही शक होगा।
फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही हमारी रातें निकलती रही और आख़िर वो दिन आ ही गया जिसका मुझको कब से इंतजार था, उसने मुझे चुदाई के लिए पूछा तो मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ?
और हामी भर दी।
उससे पूछने पे पता चला कि वो पहले भी अपने बॉयफ़्रेण्ड से चुद चुकी है… और अब किसी नये लड़के से चुदना चाहती है।
फिर हमने एक दिन तय किया और उसने अपना पता भेजा। वो पता किसी गर्ल्स हॉस्टल का था। मैं आपको बता दूँ कि वो 12वीं क्लास की लड़की है, यहीं पढ़ाई कर रही है, और कोटा के बाहर की है।
तो मैंने उससे पूछा- मुझे गर्ल्स हॉस्टल में एंट्री कैसे मिलेगी?
तो उसने मुझे कहा- आप बस आ जाओ… बाकी सब मुझ पे छोड़ दो।
मैं तय दिन पर उसके हॉस्टल पहुँच गया, वो बाहर ही खड़ी थी, मैंने उससे पहचान लिया।
हमने एक दूसरे को हेलो किया और वह मुझे अंदर ले गई, उसने कुछ देर तक अपनी वॉर्डन से बात करी और फिर मुझे वो अंदर ले गई।
मेरी तो फटी पड़ी थी कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए… चूत चोदने आया था, कही खुद ही ना चुद के चला जाऊँ।
आख़िर हम उसके रूम में पहुँचे तो वो डबल का रूम था उसकी रूममेट फ्रेंड घर गई हुई थी शादी में।
हमने थोड़ी देर बातें की मगर ज़्यादा नहीं क्योंकि मैं अपना वक़्त बातों में नहीं बिताना चाहता था तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर शुरू करने की इच्छा जताई तो उसने कहा- अभी इतनी भी क्या जल्दी है?
मैं- अब आ भी जाओ यार, और इंतजार नहीं होता!
रानी- अभी इतनी जल्दी भी क्या है, थोड़ा आराम तो कर लो!
भाव खाना तो आख़िर लड़कियों का हक़ है।
मगर मैं वक़्त बर्बाद नहीं करना चाहता था इसलिए उसे वहीं पकड़ कर बिस्तर पे लेटा के चूमने लगा और धीरे धीरे दोनों के कपड़े भी खुलने लगे।
मैं- साथ में नहाने का क्या ख्याल है?
रानी- ह्म्म्म… काफ़ी तेज लगते हो…
और उसने एक प्यारी सी मुस्कान के साथ हामी भर दी।
फिर हम दोनों अटैच बाथरूम में नहाने के लिए चले गये। कपड़े तो मैंने पहले ही उतार दिए थे मगर उसको मैंने ब्रा और पेंटी में रहने दिया।
हम दोनों नहाने के साथ साथ एक दूसरे के जिस्म को चूमे जा रहे थे जैसे सालों से एक दूसरे के लिए प्यासे हों… हम और कुछ भी नहीं सोचना चाहते थे, बस एक दूसरे की आगोश में खोए हुए थे।
उसके पानी में भीगे होंठों को चूसने का मज़ा ही कुछ और था, बस आज इन होंठों के रस को पूरा पीने का दिल कर रहा था।
फिर मैं धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मसलने लगा फिर नीचे जाकर जब मैंने उसकी नाभि पर एक चुम्बन किया तो वो जैसे सिहर उठी और मेरे और करीब आने लगी।
फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उन दो सफेद कबूतरों को आज़ाद कर दिया… आआअहह क्या चूचे थे उसके… किसी को पागल कर देने के लिए उनकी एक झलक ही काफ़ी थी और मैंने तो सामने देख लिए थे।
फिर मैं उसके पेंटी को साइड में करके उंगली करने लग गया, वो पागलों की तरह मेरे लण्ड को मसल रही थी… फिर मैंने उसको नीचे बैठा कर लण्ड चूसने को कहा तो वो नीचे बैठ कर कुल्फ़ी की तरह उसे चूसने लगी।
फिर हम दोनों बाहर आए और अपनी आगे की रास लीला में लग गये।
बाहर आते ही मैंने उससे बिस्तर पर घोड़ी बनने को कहा, मैं पीछे से उसकी चूत में अंगुली करने लग गया और उसकी चूत चाटने लग गया।
क्या चूत थी, उसकी हल्के हल्के बाल उसकी चूत को और खूबसूरत बना रहे थे।
जैसे ही मैं अपनी जीभ उसके अंदर डालता तो वो और ज़ोर से चिल्लाती, कुछ ही देर में वो फ़ारिग हो गई।
फिर मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर टिका कर थोड़ा रगड़ा और उसकी चूत में दे दिया… बहुत गर्म चूत थी साली की, उसकी गर्मी मैं अपने लौड़े पर महसूस कर सकता था।
मैंने अपने धक्के लगाने जारी रखे और वो ‘अयाया आआआः उऊहह उफ फफफ्फ़’ कह कह के चुदवा रही थी। हम ज़्यादा ज़ोर से आवाज़ भी नहीं कर सकते थे… नहीं तो बाहर किसी को शक हो जाता तो… पर फिर भी हमने खूब मस्ती की।
फिर उसे पीठ के बल लेटा के, उसके पैरों को चौड़ा कर उसे फिर एक बार चोदने लगा, मैं उसके ऊपर झुक गया और उसे चोदता रहा, बीच बीच में उसे चूमता भी रहा, कभी उसके होंठ तो कभी उसके चुच्चे…
फिर मैंने उसे एक दो और तरीके से चोदा। फिर मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला था तो लण्ड चूत से बाहर निकाल के सारा माल उसके पेट पे डाल दिया और उसके साथ ही उसको चूमते चूमते उसके पास ही सो गया।
हम दोनों ही नंगे पड़े थे, एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल कर…
शाम को हम दोनों उठे और कपड़े पहन कर मैं जाने लगा तो उसने धन्यवाद कहा, उसने कहा- आज मुझे काफ़ी मज़ा आया…
मैंने उसे धन्यवाद कहा और उसके होंठों की तारीफ करके जाने लगा, फिर उससे एक बार गले मिला और एक बार और क़िस किया और फिर विदाई ली।
कहानी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद। आपके मेल्स का इंतजार रहेगा।