चाची की चूत चोदने की चुदास

दोस्तो.. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और उन कहानियों को पढ़ कर मैं भी अपने जीवन में घटी एक सच्ची घटना आप सब के सामने पेश करने जा रहा हूँ।

घटना एक हफ्ते पहले की है जिस दिन मैंने अपनी चाची को एक रंडी की तरह चोदा था।
मैं आपको अपनी चाची के बारे में बता दूँ.. उसका नाम गीता है और उसकी उम्र करीब 32 साल की होगी। उसका फिगर भी बहुत मस्त है.. करीबन 34-30-34 का होगा, वो देखने में बहुत सेक्सी है।

मैं सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा हूँ जिस कारण मुझे अपनी चाची के यहाँ रहना पड़ता है। मैं अपनी चाची को बहुत दिनों से चोदना चाहता था.. पर मुझको सही मौका नहीं मिल रहा था। लेकिन एक दिन ऊपर वाले ने मेरी सुन ली और मुझे सही अवसर मिल गया।

हुआ यह कि मेरी चाची की बहन के यहाँ एक पार्टी थी.. जिसमें घर के सभी लोग गए हुए थे.. सिर्फ़ मुझे और चाची को छोड़ कर.. क्योंकि अगले दिन मेरी कोचिंग थी और चाची को अपनी जॉब पर जाना था.. जिसकी वजह से मैं और चाची नहीं गए।

सबके पार्टी में जाने के बाद हम दोनों ने खाना खाया और सोने के लिए जाने लगे।
तभी चाची ने कहा- तुम आज रात मेरे साथ सो जाओ..
तो मैंने ‘हाँ’ कर दी और सोने के लिए उनके कमरे में चला गया।

उसके थोड़ी देर बाद चाची लाल रंग का गाउन पहने हुए कमरे में आईं.. मैं सब कुछ भूल कर उनको ही देखने लगा.. उनकी चूचियाँ गाउन में से साफ दिखाई दे रही थीं।
चाची की तनी हुई चूचियों को देख कर मेरा लंड मेरे लोअर में एकदम से खड़ा हो गया।
मुझे लगा कि उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया है।

वो मेरे और पास आने के बाद बोली- क्या देख रहे हो?
मैं दूर गया और बोला- कुछ नहीं..
लेकिन वो समझ गई थी कि मैं उसकी चूचियाँ देख रहा हूँ।

वो बिस्तर पर आकर लेट गई और मैं भी उसके बगल में ही लेट गया।
मेरी नींद तो उड़ चुकी थी… लेकिन मैं लेटा रहा.. थोड़ी देर बाद चाची सो गई और मैंने डरते हुए अपना हाथ धीरे से उसकी चूचियाँ पर रख दिया।

चाची की चूचियाँ एकदम टाइट थीं और मैं धीरे-धीरे उसकी चूचियाँ दबाने लगा। थोड़ी देर बाद वो दूसरी तरफ़ पलटी.. तो मैंने जल्दी से अपना हाथ उसके ऊपर से हटा लिया और अब चाची की गाण्ड मेरी तरफ हो गई थी।

अब मैंने अपना लंड लोअर से बाहर निकाला और चाची की गाण्ड के छेद पर लगा दिया और हल्का सा पुश किया ही था कि तभी चाची जाग गई और गुस्से में कहने लगी- यह क्या कर रहे हो?
मैंने अपनी होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूमने लगा।

पहले तो चाची ने थोड़ा विरोध किया लेकिन थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुँह में लड़ रही थीं।
जबरदस्त चूमा-चाटी करते-करते मैंने चाची के गाउन के बटन खोल दिए और उसके चूचों को दबाने लगा।
हम दोनों कामातुर हो चुके थे और पूरा मज़ा ले रहा थे।

मैंने धीरे से चाची के गाउन को निकाल कर अलग फेंक दिया और अब वो सिर्फ़ काले रंग की ब्रा और पैन्टी में मेरे सामने थी।
मैं उसके चूचों पर एकदम से टूट पड़ा और वो मेरा लंड लोवर से निकाल कर मुठ मारने लगी।
मुझे लगा कि जैसे कि मैं जन्नत में हूँ।

थोड़ी देर मेरे लौड़े की मुठ्ठ मारने के बाद अब वो मेरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह से चाटने लगी।
मैंने भी उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत में उंगली करने लगा। उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी और उसमें से पानी निकल रहा था।

अब देर ना करते हुए हम दोनों ने 69 की अवस्था में आकर एक-दूसरे के लण्ड चूत पर अपने मुँह रख कर चाटने लगे।
चाची चूत चटने से ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ निकालने लगी। थोड़ी देर चूत चाटने के बाद अब मैं उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया और अपना लंड चूत पर रगड़ने लगा.. जिसकी वजह से वो और गरम हो गई और अपने हाथ से लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर टिकवाने लगी।

उसने मेरे लौड़े की नोक को अपनी चूत की दरार में फिट कर लिया और आगे-पीछे होने लगी। अब मैंने भी झटका मारना शुरू कर दिया.. मेरे पहले झटके में ही मेरा लण्ड 4 इंच चूत के अन्दर घुसता चला गया।
चाची के मुँह से ज़ोर सी आवाज़ निकल पड़ी। जब मैंने दूसरा झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया जिस से उस थोड़ा दर्द भी हो रहा था.. लेकिन वो पूरे मज़े से चुदवा रही थी।

‘एयाया.. माँ मार.. गई.. छोड़.. और चोद… ह… मेरी चूत का चबूतरा बना दे..’

मैं भी जोश में आ गया और अपनी स्पीड तेज कर ली। काफ़ी देर की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है.. तो मैंने गीता से पूछा- कहाँ निकालूँ?

तो उसने कहा- अन्दर ही निकाल.. बहुत दिन से मेरी चूत प्यासी थी.. आज तू इसकी प्यास बुझा दे।
मैंने अपना पूरा रस चाची की चूत में छोड़ दिया और उनके ऊपर ही ढेर हो गया।
इसके बाद तो चाची जैसे मेरी जुगाड़ हो गई थी, चाची को बहुत बार चोदा।

तो दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी आप सभी को कैसी लगी.. आप लोग मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा।
[email protected]