बड़ी बहन और भानजी की साथ में चुदाई- 2

रियल फॅमिली Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं अपने ताऊ की शादीशुदा बेटी को उसी के बेड पर चोद कर मजा ले रहा था. पर हम दोनों को दीदी की जवान बेटी ने देख लिया.

दोस्तो, मैं अजय आपको अपनों बहन के साथ चुदाई की कहानी सुना रहा था.
रियल फॅमिली Xxx कहानी के पिछले भाग
ताऊ की बेटी की चूत में उंगली
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं सोने का ड्रामा करती हुई अपनी दीदी की चुत में उंगली फेरने लगा था. उनकी चुत एकदम गीली हो गई थी.

अब आगे रियल फॅमिली Xxx कहानी:

दीदी- ये क्या कर रहे हो अजय, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो?

उनकी बात सुनकर मेरा लंड एक बार में ही नुन्नू बन गया.

फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और दीदी से कहा- दीदी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.
दीदी- पर मैं तेरी बहन हूं … ये सब गलत है.

मैंने उनकी बात सुनते ही उठ कर दीदी को कमर से पकड़ लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
दीदी की सांसें एकदम गर्म हो गई थीं.
मैं समझ गया कि दीदी नाटक कर रही हैं.

मैंने दीदी को 5 मिनट तक किस किया तो दीदी मेरा साथ देने लगी थीं.

फिर हम दोनों अलग हुए और मैंने दीदी की साड़ी को खींच कर नीचे डाल दिया.
अब मेरे सामने उनके दूध थे, जो आजाद होना चाहते थे.

मैंने दीदी के ब्लाउज को पकड़ा और एक झटके में खीच दिया.
दीदी के दोनों दूध आजाद हो गए.
मैं देख कर हैरान था कि दीदी के मम्मे मेरी सोच से भी बड़े थे.

मैंने उनके एक दूध को मुँह में ले लिया और चूसने लगा, साथ ही मैं दूसरे मम्मे को जोर जोर से दबा रहा था.

दीदी भी मजे ले रही थीं और ‘आआह … आह …’ कर रही थीं.

मुझे दीदी धीरे धीरे करने को कहने लगीं, पर मैं कहां मानने वाला था.

दीदी- धीरे कर अजय, बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- दीदी आपके बहुत बड़े हैं, मुझे नहीं पता था कि इनका रस पीना मेरे नसीब में भी होगा.

दीदी- अजय ये तेरे ही हैं, पर आराम से कर … जीजाजी अब पता नहीं कब तक आएंगे. तब तक तुम रोज कर लेना.

अब तक मैं बहुत गर्म हो चुका था और दीदी की चुत भी लंड लंड करने लगी थी.

मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किये और अगले कुछ ही पलों में मैंने शर्ट और जींस को उतार दिया.
मैं सिर्फ एक फ्रेंची चड्डी में था.
दीदी ने उसे भी उतार दिया और मेरे लंड को आजाद कर दिया.

दीदी- भाई, तेरा लंड तो तेरे जीजू से बहुत बड़ा है. मेरी तो आज फट ही जाएगी. मुझे चुदे हुए बहुत दिन हो गए. बच्चे होने के बाद तेरे जीजू मुझे 2-3 महीने में एक ही बार चोदते हैं और वो भी बहुत कम समय में झड़ जाते हैं. वो सिर्फ काम में ही दिमाग लगाए रहता है … बहुत अच्छा हुआ कि तू आ गया. मुझे लंड लिए महीने हो गए.

मैं- दीदी मुझे क्या पता था कि मेरी दीदी लंड की इतनी भूखी हैं. मुझे मालूम होता तो मैं कब का आ जाता.

ये कहते हुए मैंने दीदी को पूरी नंगी कर दिया.
अब हम दोनों एकदम नंगे हो गए थे.

मैंने दीदी को वहीं जमीन पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं दीदी को किस करने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा.

दीदी मादक सिसकारियां ले रही थीं.

मैं उनकी नीचे चूत के पास आ गया और उनके पैरों को पूरा खोला और उनके छेद को देखने लगा.

दीदी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे.
मैंने दीदी की चूत पर मुँह लगाया और चूत को जीभ से चाटने लगा.
वो आह आह करके मस्त होने लगीं.

फिर मैंने दीदी की चूत के दाने को खूब चाटा. उसके बाद चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा. साथ ही दीदी की चुत के दाने पर उंगली घुमाने लगा.

दीदी पूरी हिल गईं. मेरे मुँह पर अपनी चूत को दबाने लगीं. मैं भी जोर जोर से चाटने लगा.

तभी दीदी जोर जोर की सिसकारी के साथ मेरे मुँह में झड़ गईं और मैंने दीदी का सारा माल पी लिया.
दीदी हांफने लगी थीं.

फिर दीदी ने मुझे अलग किया और मुझे चूमने लगी. मेरे मुँह में लगा अपनी चुत का सारा स्वाद लेने लगीं.

दीदी- अजय, मेरे चोदू भाई आई लव यू.
मैं- आई लव यू मेरी रंडी बहना.

अब दीदी मेरे लंड को सहलाने लगीं ओर मेरे नीचे आ गईं.
उन्होंने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगीं.

कुछ मिनट बाद मैंने दीदी से कहा- मुझे चूत चाटना अच्छा लगता है.
दीदी ने कहा- चाट तो ली राजा.

मैंने कहा- अभी दूसरी तरह से मजा लेना है. आप मेरे ऊपर उल्टी होकर आ जाओ.
दीदी आ गईं और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

और दीदी ने मेरे लंड को खूब चूसा और मैंने भी उनकी चूत को खूब चाटा.

दीदी ने कहा- भाई अब मेरी चूत को अपने लंड से संतुष्ट कर दे, ये बहुत दिन से लंड की प्यासी है.

मैं नीचे लेट गया और दीदी से कहा- आप मेरे लंड पर बैठो.
दीदी लंड पर चढ़ गईं और लंड को चूत पर लगा कर धीरे धीरे बैठने लगीं.

तभी मैंने एक तगड़ा झटका लगा दिया और दीदी जोर से चिल्ला पड़ीं.

जब तक मैं उनके मुँह को बंद करता, तब तक बहुत देर हो गई और नीरजा को आवाज सुनाई दे गई.

लेकिन हमने सोचा कि उस तक आवाज नहीं गई होगी.

मैंने दीदी से कहा- धीरे आवाज करो.
दीदी ने कहा- साले मैं मर गई … तूने ऐसा झटका क्यों दिया.

फिर हम दोनों धीरे धीरे सेक्स करने लगे.
कुछ ही देर में दीदी पूरे मूड में आ गईं और मेरे लंड पर झूला झूलने लगीं.

हम दोनों बिंदास चुदाई का मजा लेने लगे.
मैं दीदी को नीचे से पेल रहा था और दीदी ऊपर से गांड उठा उठा कर चुद रही थीं.

हम दोनों चुदाई में मग्न हो चुके थे.
दीदी हल्की आवाज में मजा लेते हुए सीत्कार कर रही थीं- आह उह आ उह … आह … और अन्दर तक पेल भोसड़ी के … ऊह भैनचोद बन गया साला … आह!

मैंने भी उनकी चुत का भोसड़ा बनाने की नियत से धकापेल छोड़ना शुरू कर दिया था.
मेरा लंड चुत की गहराई में जाकर दीदी की चुत को मजा दे रहा था.

दीदी- आह चोद दे भाई … आह अपनी बहन को चोद दे … आज मेरी चूत की प्यास बुझा दे.
मैं- हां साली रंडी … चोद तो रहा हूं लेकिन अब तू मुझे पूरी जिन्दगी चूत देगी.

दीदी- हां मेरे चोदू भाई … औरत को खाना भले पूरा नहीं मिले, मगर उसकी चूत के लिए तेरे जैसा लंड हो तो उसे और कुछ नहीं मिले तो भी चलेगा. आह मुझे इस लंड की जरूरत है … ओह चोद मजे से … चोद चोद कर आज मेरी चूत फाड़ डाल!

हम दोनों चुदाई में इतने तल्लीन थे कि दीन दुनिया की कोई खबर ही था ना थी.

फिर पता नहीं, कब नीरजा आ गई और वो हमें सेक्स करते देखने लगी.

अब तक दीदी दो बार झड़ चुकी थीं. मैं भी झड़ने वाला था.

मैंने दीदी से कहा- दीदी मैं झड़ने वाला हूं.
दीदी- मेरी चूत में ही छोड़ दे … भर दे इस अमृत से चुत भर दे.

इतने में मैं और उत्तेजित हो गया और जोर जोर से झटके देने लगा.
दो मिनट बाद मैं दीदी की चूत में झड़ गया.
दीदी थक गई थीं और मेरे ऊपर ही गिर गईं.

उनकी चूत से पानी की गर्म लहर मेरे अंडकोषों को भिगोने लगी.

हम दोनों थक कर ऐसे ही लेटे थे कि नीरजा की आवाज आई- मम्मी मामा आप दोनों ये क्या कर रहे हो?
हम दोनों घबरा गए.

दीदी- बेटा कुछ नहीं.
नीरजा- मैंने ऐसा नहीं सोचा था.

दीदी और मैं एकदम सन्न रह गए थे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें.
अभी दीदी कुछ बोलतीं कि नीरजा ने कहा- मैं ये सब पापा को बताऊंगी.

दीदी और मैं अलग हो गए थे और नीचे मुँह करके बैठे थे.

तभी मैंने देखा नीरजा हंस रही थी और ताली बजा रही थी.
जैसे ही हम दोनों मुँह ऊपर करते और कुछ कहते, दीदी नीरजा से माफी मांगने लगीं और उसे मनाने लगीं.

तब नीरजा मेरे पास आई और हम दोनों से बोली- अपनी अपनी आंखें बंद करो दोनों!
अब हम कर भी क्या सकते थे. हमने दोनों ने आंखें बंद कर लीं.

कुछ ही देर में मुझे मेरे लंड को गर्म हवा और गीला सा लगा.
मैंने धीरे से आंखें खोलीं, तो देखा नीरजा ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया था.

मैं दिल में बहुत खुश हुआ.
पर मैंने नाटक किया- नीरजा ये क्या कर रही हो?
दीदी भी आंखें खोल चुकी थीं तो दीदी ने भी यही कहा.

नीरजा- जो भी आप दोनों ने किया, मुझे भी वही सब करना है. नहीं तो मैं सबको बता दूंगी.
ये सुनकर दीदी भी मान गईं.

अब हम तीनों बेडरूम में आ गए.
मैं बेड पर लेट गया.

नीरजा मेरा लंड चूसने लगी और मैं दीदी की चूत चाटने लगा.
दीदी नीरजा की बुर चाटने लगीं.

फिर मैंने नीरजा की चूत चाटी.

नीरजा ने कहा- मामा, मैंने भी मेरी फ्रेंड्स से सुना था कि चुत चटवाने में काफी मजा आता है. मगर अब तक कभी किया नहीं. आज मुझे भी सब पहली बार करना है.

मैं बहुत खुश हुआ कि कुंवारी चुत की सील तोड़ने का मौका मिलने वाला है.

मैंने नीरजा को लेटा दिया और दीदी ने तेल लेकर मेरे लंड को चिकना किया.

फिर नीरजा की चूत पर बहुत सारा तेल लगाया.

अब मैंने नीरजा की चूत पर लंड लगाया और धक्का दे दिया.
लंड घुसा तो नीरजा को दर्द होने लगा.

मेरी दीदी नीरजा को किस करती रहीं.
मैंने थोड़ा और जोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड आधा चूत में जा चुका था.
नीरजा की तेज चीख निकल गई और वो रोने लगी.

दीदी उसे किस करती रहीं. मैं उसके मम्मों को दबाता रहा.

थोड़ी देर बाद नीरजा ठीक हो गई और मैंने फिर से एक झटका मार दिया.
मेरा पूरा लंड चुत में अन्दर जा चुका था.

नीरजा चिल्ला उठी और उसकी चीख दीदी के मुँह में दब गई.

थोड़ी देर मैं नीरजा नॉर्मल हो गई. मैंने धीरे धीरे चुदाई जारी रखी और आधा घंटा तक अपनी भांजी की चुत को चोदने के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था.
अब तक नीरजा दो बार झड़ चुकी थी.

मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और दीदी के मुँह में लंड दे दिया.
दीदी ने लंड चूस कर रस पी लिया.

अब दीदी और नीरजा बहुत खुश थे

मैंने उस रात दीदी को एक बार ओर चोदा सो गया.

सुबह चार बजे मेरी नींद खुल गई. सामने नीरजा की चुत खुली पड़ी थी.
मैंने उसकी चुत चूसना चालू की तो वो भी गर्मा गई और मैंने उसे ताबड़तोड़ चोद दिया.

फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

इसके बाद पूरे लॉकडाउन में मैं दीदी और नीरजा की चुत का भोसड़ा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

उधर जीजू पूरे 45 दिन तक फंसे रहे और मैं दीदी और भांजी को चोदता रहा.
हम तीनों अब जब भी मिलते हैं, तो मैं सबसे पहले दीदी को चोदता हूँ और नीरजा मेरे लंड को चूसती है. दीदी के बाद वो मुझसे बड़े मज से चुदवाती है.

आपको मेरी ये रियल फॅमिली Xxx कहानी कैसी लगी. प्लीज़ मेल करें.
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