अन्तर्वासना के सभी चाहने वालों को नमस्कार! सबसे पहले मेरी सभी कहानियों पर अपनी प्रतिक्रियायें और प्यार देने के लिए शुक्रिया! आपके मेल और आपकी बातें मुझे और लिखने को प्रेरित करती हैं.
आज जो कहानी ब्यान करने जा रहा हूँ, वो कैसे घटित हुई, इसका अंदाजा मुझे भी नहीं था पर यकीं रखियेगा दोस्तों इस कहानी की हर बात बिलकुल सच्ची है. बात सिर्फ 6 महीने ही पुरानी है.
पहले मेरे बारे में उन्हें थोड़ा बता देता हूँ जिनको मेरे बारे में पता नहीं है, मेरी उम्र अभी 28 साल है, अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है. मैं हरियाणा से हूँ और अभी अपनी सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत भी हूँ.
मेरा HSSC हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन का एग्जाम नजदीक आ रहा था.
मेरा सेंटर घर से काफी दूर था इसलिए मेरे घर वालों ने मुझे मेरी मामी के यहाँ रहने के लिए बोला. मेरी मामी की फॅमिली में मामी जी उनकी दो लड़कियाँ है. मेरे मामा का देहाँत काफी समय पहले ही हो गया था. मुझे मेरे मामी के यहाँ गये गये हुए लम्बा अरसा हो गया था.
मेरी मामी की उम्र 40 साल के आस पास है. उनकी बड़ी लड़की 22 और छोटी 20 साल की है. उस दिन मैं जब इतने अरसे के बाद मामी के घर गया था, मेरी बहुत ज्यादा आवभगत हुई वहाँ. उनकी दोनों लड़कियाँ पढ़ने में बहुत होशियार थी मेरी तरह ही!
वैसे बचपन से मैं बहुत ज्यादा शर्मीला था जिसका मैंने बहुत नुकसान भी उठाया है लेकिन अब इतनी सारी घटनाओं से मैं पूरी तरह खुल चुका हूँ और अब किसी से भी कोई भी बात करने में बिलकुल शर्माता नहीं हूँ. मेरा कॉमिक सेंस भी बहुत अच्छा है.
मामी के घर जाते ही वहाँ भी जैसे रौनक सी लग गई. रात 12 बजे तक हमने बहुत बातें की. हम सब एक साथ ही एक ही डबल बेड पर सोये हुए थे. सबसे आखिर में मैं था, मेरे पास मामी फिर उसके बाद उनकी दोनों लड़कियाँ सो रही थी.
मेरे मन में मामी के प्रति कोई सेक्स भावना जागृत नहीं थी. एक एक करके उनकी दोनों लड़कियाँ सो गई. पर मैं और मामी दोनों एक दूसरे से बात करते रहे. उनकी फॅमिली में तीनों बहुत ही ज्यादा खुले विचारों के हैं. मैंने मामी से मामा के देहांत के बारे में बात की तो वो थोड़ी रुआंसी हो रही थी.
मैंने उन्हें सांत्वना देने के लिए हंसी मजाक शुरू किया ताकि उन्हें बुरा न लगे. यूँ ही रात के 2 बज गये, मेरा अगले दिन एग्जाम भी था इसलिए मैं सोने लगा.
तो अचनक मामी ने मेरे सर पर हाथ रखा और हौले हौले सहलाने लगी. फिर धीरे धीरे उनका हाथ मेरे गाल को छूने लगा.
फिर अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी तरफ मुझे हल्के से खींचा. मैंने मामी की आँखों में देखा तो मुझे उनकी आँखों में प्यार लेने की इच्छा दिखाई दे रही थी. मैं उनके अकेलेपन और तन्हाई को महसूस कर सकता था.
दोस्तो, मेरे जीवन में सेक्स की कई घटनायें हो चुकी थी इसलिए अब ऐसी कोई भी भावना अपने आस पास जब भी हो तो महसूस होने लग जाती है अपने आप… मुझे इस वक़्त मामी की आँखों में सेक्स की भूख साफ़ नज़र आ रही थी.
अमृता से सेक्स के बाद अभी मेरे लंड को भी कई दिन से चूत नहीं मिली थी इसलिए मेरा लंड भी नई चूत के जुगाड़ में था और यहाँ तो खुद एक नई चूत चलकर मेरे पास आ रही थी तो मुझे भला क्या परहेज होता.
एक बार मैंने सोचा कि ‘मामी है मेरी… कोई क्या सोचेगा?’ फिर सोचा कि जब किसी को कभी कुछ पता ही नहीं चलना है तो कोई सोचेगा भी कुछ कहाँ से!
अब मैंने एक नज़र में ही मामी के जिस्म को सेक्स भरी निगाहों से देखा तो पाया कि मामी तो साक्षात् सेक्स की देवी हैं. मामी की हाइट करीबन 5 फुट 4 इंच रही होगी. दूध जैसा गोरा रंग, एकदम भरवां शरीर की मालकिन. दूध का साइज़ कोई 34 का होगा. उनकी मटकती हुई गांड किसी का भी मन मोह ले. यूँ तो मुझे अब भी याद है जब भी बचपन में मैं मामी को देखता था तो मुझे वो हिंदी फिल्मों की हीरोइन मुमताज़ जैसी लगती थी. और आज वो मुमताज़ खुद मेरे इतना करीब आ गई है तो ये सोचकर ही लंड अपने उफान पर आ चुका था.
जैसे ही मामी ने मेरे हाथ को खींचकर अपने गालों पर रखा तो मैं समझ चुका था कि मामी मुझसे अब क्या चाहती है. मैंने हौले हौले से मामी के गालों को सहलाना शुरू किया. मामी बस एकटक मुझे देखे जा रही थी जैसे मुझे आज खा ही जाएगी.
फिर मैंने अपने हाथ से उनके सुर्ख लाल होंठों को छुआ तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली. मैंने पहले हाथ से ही उनके नीचे वाले होंठ को अच्छे से भींचा. फिर अपना एक हाथ शर्ट के ऊपर से ही उनके बूब्स पर ले गया. पहले उनकी एक चूची को खूब दबाया, मसला, फिर दूसरी वाली को भी बराबर का एहसास कराया.
मामी अब बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी, उन्होंने अन्दर ब्रा तो पहले ही नहीं पहन रखी थी, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपना सूट ऊपर करके अपनी चूची पर जोर जोर से दबाने लगी. कमरे में यूँ तो बिल्कुल घुप्प अँधेरा था, फिर भी मुझे डर था कहीं मामी की बेटियाँ न जाग जायें…
पर इस वक़्त मामी इन सब बातों से बिल्कुल अनजान सी होकर अपनी प्यास बुझवा लेना चाहती थी.
उन्होंने फटाफट अपनी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे नीचे सरका दिया और पैंटी तो वो आज पहले से ही नहीं पहने हुए थी. वो शयद पहले से ही मुझसे सेक्स करने के लिए सारी तैयारी कर चुकी थी.
फिर उन्होंने खुद ही मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत पर लगा लिया.
उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. और सच कहूँ तो दोस्तो, इतनी गर्म चूत आज से पहले मैंने किसी की महसूस नहीं की थी… एकदम भट्टी की तरह धधक रही थी.
मैंने उनकी साइड करवट ले रखी थी, मैंने उनकी एक चूची को मुख में लिया और अपनी दो उंगलियाँ उनकी चूत में डालकर अन्दर बाहर करने लगा.
मामी जोर जोर से साँस ले रही थी, मुझे डर था कि कोई बहन न उठ जाये, इसलिए मैंने उनके होंठों को अपने मुंह में ले लिया और उनकी चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा.
अचानक मामी की चूत ने गर्म लावा बाहर बहाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने अपना लंड मामी के हाथ में दिया जिसे उन्होंने अपने हाथ से खूब सहलाया और इसी तरह सहला सहला कर उसका पानी निकाल दिया.
दोस्तो, अब तक मेरे और मेरी मामी के बीच होंठ चूसना, चूत चूसना, लंड चुसाना तो कई बार हो चुका है पर अभी तक पूरी तरह से चुदाई का मौका हमें नहीं मिला है. कई बार उन्होंने कोशिश की कि रात में उनकी लड़कियों के सो जाने के बाद हम सेक्स भी कर लें लेकिन ऐसा मुझे मुनासिब नहीं लगा.
अभी इंतजार है उन्हें कि जल्दी से कोई ऐसा मौका लगे जब सिर्फ हम दोनों साथ हों और सेक्स का भरपूर आनन्द ले सकें.
तो दोस्तो, यह थी मेरी मामी और मेरे बीच सेक्स की अधूरी कहानी जो कभी पूरी होगी या नहीं… अभी पता नहीं है.
आशा करता हूँ आपको मेरी यह सच्ची कहानी पसंद आई होगी. आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है.
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इससे आगे की कहानी : मामी की चूत मारने का मेरा सपना-2