चाची और उसकी बेटियों की चूत की आग

रियल फैमिली सेक्स कहानी मेरी चाची की है. वो मेरा लंड लेना चाहती थी और मेरी नज़र उसकी बेटियों पर थी. एक दिन चाची ने मुझे गर्म कर दिया तो मैंने .

मेरा नाम हमराज है. आज मैं आपको अपनी दो चचेरी बहनों की चुदाई की कहानी बताऊंगा कि कैसे मैंने उनको थका थकाकर चोदा. उनको मैंने पूरी नंगी करके ठोका और वो भी दोनों चुदकर मेरी दीवानी हो गयीं.

मेरी चाची की दो लड़कियां हैं; आरिफा जो कि उस समय 21 साल की थी और जाकिरा जो साढ़े अठारह साल की थी. दोनों ही मुझे बहुत पसंद थीं. उनको भी मैं पसंद था.

आरिफा तो कुछ नहीं दिखाती थी लेकिन जाकिरा मुझे सेक्सी इशारे किया करती थी.
उसकी बड़ी बड़ी मोटी छाती और कूल्हे दिखाकर वो मुझे चुदाई के लिए उकसाती थी.
मैं भी उसको चोदने की फिराक में था.

ये रियल फैमिली सेक्स कहानी उस वक्त की है जब मैं अपने कॉलेज के पहले साल में था.
मेरी चाची के घर पर रंगीन टीवी था और हमारे घर पर ब्लैक एंड व्हाइट टीवी था.
मैं चाची के घर पर ही बड़े टीवी पर क्रिकेट मैच और फिल्में देखना पसंद करता था.

मेरी चाची आयशा (48) भी मेरे पास बैठकर टीवी देखा करती थी. वो भी अपनी छातियों को मेरी बाजुओं से सटाये रहती थी. कई बार मेरे हाथ को अपनी जांघों पर रखवा लेती थीं और मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

एक दिन की बात है कि शाम के 7 बजे एक बहुत ही रोमांचक क्रिकेट मैच आ रहा था.
मैं चाची के यहां बैठा हुआ था.
आरिफा और जाकिरा पड़ोस के घर में गयी हुई थीं.

मेरी चाची भी कमरे में आ गयी. मैं जानता था कि चाची मेरे पास क्यों आई है.

चाची कुछ देर तक तो बैठी रही और यहां वहां की बातें करती रही. फिर वो चुप हो गयी और बहाने से उसने मेरी जांघ पर हाथ रख लिया था.
वो हाथ को रखे रही और मैं भी बैठा रहा लेकिन मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

बीच बीच में चाची मेरे लंड को भी देख रही थी. शायद चाची को मेरी पैंट में उठा हुआ मेरा लंड दिख गया था.
उसने धीरे से मेरे लंड पर हाथ रख लिया.

मेरे लंड में एक जोर का झटका लगा. मैं बेचैन सा हो गया.

चाची मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझे भी मजा आने लगा.
फिर उन्होंने कहा- पैंट उतार लो.

मैंने पैंट उतार ली.
अब मैं कच्छे में था और चाची फिर से मेरे लंड को सहलाने लगी.

अब चाची का हाथ मेरे लंड पर पकड़ बना रहा था. दो मिनट तक सहलाने के बाद चाची से रुका न गया और वो मेरे लंड पर झुक कर उसको किस करने लगी.
मैंने भी टांगें फैला दीं और चाची ने मेरी कच्छे की इलास्टिक हटाकर लंड को बाहर निकाल लिया.

उसने मेरे लंड को अपने नर्म हाथ में लिया और उसको दबाकर देखा.
मेरा लंड पूरा सख्त हो गया था.

फिर चाची ने झुककर उसको मुंह में भर लिया और मेरा लौड़ा चूसने लगी.

अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था. मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैं जोर जोर से चाची के बूब्स को भींच रहा था और वो मेरे लंड पर अपने दांत गड़ा देती थी.

तीन चार मिनट तक चाची ने मेरे लंड को मजे से चूसा और फिर उठकर वो अपनी साड़ी खोलने लगी.
चाची ने साड़ी उतार दी और फिर ब्लाउज के बटन खोलने लगी.

उसके बाद चाची ने अपना पेटीकोट भी खोल दिया. वो अब ब्रा और पैंटी में रह गयी और फिर से मेरे लंड को चूसने लगी.

मैंने भी अपने कच्छे को पूरा ही निकाल दिया और नीचे से नंगा हो गया.

अब चाची मेरे गोटों को सहलाते हुए मेरे लौड़़े को चूस रही थी. मैं तो जैसे स्वर्ग में था.

मैंने चाची की ब्रा के हुक खोल लिये और उसकी चूचियों को नंगी कर लिया.

मैं चाची की चूची दबाने लगा.
अब उनकी चूची नंगी थी तो दबाने में और ज्यादा जोश बढ़ रहा था.
मैं उनको जोर जोर से भींचने लगा.

चाची फिर से मेरे लौड़े पर काट लेती थी.

फिर मैंने चाची का सिर उठाया और उसको वहीं सोफे पर पीछे सटाकर उसकी चूचियों को जोर जोर से पीने लगा.
चाची एकदम से सिसकार उठी- आह्ह . हाय . ओह्ह . आह्ह . हां .. हम्म . आह्स्स . स्सस . हये . ओह . पीते रहो!

चाची सिसकारते हुए मेरे सिर को सहला रही थी. एक हाथ उनका मेरे लंड पर पहुंचने की कोशिश कर रहा था. मैं थोड़ा और ऊपर को हुआ और चाची ने मेरे लंड को पकड़ लिया.

वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी और मैं उसकी चूचियों के निप्पलों को पीने लगा. बीच बीच में मैं दांत से उसकी चूची के निप्पलों को काट लेता था जिससे चाची एकदम से लंड को कसकर भींच देती थी.

वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह . हमराज . तू आज मेरा मर्द बन जा! मैं तेरे लंड से चुदवाना चाहती हूं.
मैं बोला- हां चाची, मैं आपकी प्यास जानता हूं. आज आपको खुश करके रहूंगा.

फिर मैं उनको बेड पर ले गया और आराम से लिटा दिया.
मेरा लम्बा लौड़ा पूरा तनकर फनफना रहा था.

मैंने चाची की चड्डी उतार दी. उनकी चूत एकदम से साफ थी. मैंने चाची की चूत को हाथ से सहलाया तो चूत गीली हो गयी थी.

मेरे सहलाते ही चाची बोली- आह्ह . हमराज इसको जल्दी से चोद दे . आरिफा और जाकिरा कभी भी आ सकती हैं, नहीं तो फिर मैं प्यासी रह जाऊंगी.

मैंने चाची की चूत में उंगली दे दी और उसकी चूत में उंगली को अंदर बाहर करते हुए सिसकारते हुए बोला- आह्ह . चाची . इस गीली चूत को मैं आज खोदकर रख दूंगा. आपकी प्यास बुझा दूंगा अपने लंड से चोद चोदकर।

फिर मैंने चाची की टांगों को फैला दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.
चाची पगला गयी और मेरे सिर को जोर से चूत में दबाने लगी.

कुछ देर तक मैंने चाची की चूत चाटी और फिर मैंने उनकी चूत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया.

वो बोली- कर दे अब . अंदर कर दे इसको . बहुत आग लगी है . आह्ह . जल्दी से चोद दे हमराज . मेरी चूत में प्यास लगी है। मेरी चूत को चोद दे।

फिर मैंने लंड को चाची की चूत पर सेट किया और उसकी नर्म गर्म चूत में अपना लौड़ा पेल दिया.
चाची की चीख निकली और मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

मैं चाची के चूचे दबाता हुआ उसकी चूत में लंड के धक्के लगाने लगा.
चाची छटपटाती रही लेकिन मैंने चूत को चोदना बंद नहीं किया.

फिर चाची धीरे धीरे नॉर्मल होने लगी और वो चुदाई का मजा लेने लगी.

जब मैंने नीचे देखा तो चाची की चूत से खून निकल रहा था. मगर मैंने चाची को इस बारे में कुछ नहीं कहा. मैं बस उसकी चूत में लंड के धक्के लगा रहा था और वो आराम से चुदने का अब मजा ले रही थी.

मैं चाची की चूचियां दबा दबाकर चूसने और काटने लगा.
अब मैं चाची की चूत में जोर जोर से धक्के लगा रहा था.
चाची लगातार सिसकार रही थी.

मगर जब मेरे धक्के तेज हुए तो उसकी चीखें भी तेज हो गयी.
चाची चुदते हुए बोली- आह्ह . आहाह . ऊईई . ओह्ह . फट गयी . आह्ह आराम से चोद . हरामी . आह्ह फाड़ दी चूत मेरी।
मैंने चाची की बातों पर ध्यान नहीं दिया और उसकी चूत को चोदता रहा.

हम दोनों चुदाई का मजा ले ही रहे थे कि अचानक से कमरे का दरवाजा खुल गया.
हमने देखा तो आरिफा और जाकिरा दोनों ही सामने खड़ी थीं.

हमें समझ नहीं आया कि अब क्या करें.

मैं रुक गया तो चाची बोली- चोद हमराज . इनको देखने दे. ये जानती हैं . अब ये बच्ची नहीं रही. तू चोदता रहा.
चाची ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मैं फिर से चाची की चूत में धक्के लगाने लगा.

फिर उन दोनों ने कमरे का दरवाजा बंद किया और बेड के दोनों तरफ आकर खड़ी हो गयीं.
मैं चाची की चूत में धक्के लगाये जा रहा था. मेरा मूसल लम्बा लंड पच पच की आवाज के साथ चाची की चूत की खुदाई कर रहा था.

बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने चाची की चूत में अपने लौड़े का रस भर दिया.

चाची बेहाल हो गयी थी. चाची हाँफते हुए बोली- आह्ह . हमराज . तेरा लंड तो बहुत मजे देता है रे . मैं तो तेरे लंड की कायल हो गयी. बहुत सुकून देता है तेरा मूसल।

फिर वो उठ गयी और कहने लगी- मैं नहाकर आती हूं.
चाची अपनी साड़ी उठाकर नंगी ही बाहर निकल गयी.

अब आरिफा और जाकिरा ने मुझे देखा और मुस्कराने लगीं.
वो दोनों मेरे पास आ गयीं. मेरा लंड सो चुका था.

मगर उन दोनों ने दोनों तरफ से मेरे लंड पर अपने हाथ रखे और उसको सहलाने लगीं.

दोनों के ही हाथ मेरे लंड पर चल रहे थे. कभी मेरे टोपे को सहलाती तो कभी मेरे गोटों को।
मुझे गुदगुदी हो रही थी और मजा भी आ रहा था।

फिर वो दोनों नीचे झुककर मेरे लंड को चूसने चाटने लगीं.

आज उन दोनों के पास भी मौका था मेरे लंड के साथ खेलने का. उनकी मां ने खुद उनके सामने चूत चुदवाई थी तो वो भी खुलकर मेरे लंड से चुदाई करवा सकती थी.

जाकिरा मेरे लंड को चूसने में लग गयी और नीचे से आरिफा मेरे गोटों को चूसने लगी.
दोनों ही दस मिनट तक मेरे लंड की चूमा चाटी करती रही. मैं एक एक हाथ से दोनों की ही एक एक चूची को बारी बारी से दबाता रहा।

मेरा लंड अपने पूरे तनाव में आ चुका था और अब इन जवान चूतों को चोदने के लिए झटके दे रहा था।
मैंने उनको कपड़े उतारने के लिए कहा तो वो दोनों ही जल्दी से नंगी हो गयी.

ऐसा लग रहा था जैसे मैं हसीनाओं के शहर में आ गया हूं और एक के बाद एक चूत मुझसे चुदवाने के लिए आ रही है. दोनों के ही गोरे बदन देखकर मेरे मुंह में पानी आने लगा.

आरिफा की चूचियां बड़ी थीं और जाकिरा की थोड़ी नुकीली ज्यादा थीं. दोनों की ही चूत क्लीन शेव की हुई थी. समझ नहीं आ रहा था कि कौन सी चूत से शुरूआत करूं और कहां से शुरूआत करूं.

फिर पहले मैं आरिफा की चूत पर गया और उसको चाटने लगा. वो खुश हो गयी. मगर जाकिरा भी पीछे नहीं रहने वाली थी. उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी.

मैं आरिफा की चूत को चूसने लगा और जाकिरा मेरा लंड चूसने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में उगली दे दी और जाकिरा अपनी चूत में भी उंगली करने लगी.

उससे रुका न गया और उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चूत में मेरी उंगली डलवा ली. मैं अब दोनों की ही चूत में उंगली करने लगा. दोनों ही अपनी चूचियों को दबा दबा कर अपनी चुदास को शांत करने कोशिश कर रही थीं.

जल्दी ही आरिफा बोली- बस अब . अंदर डाल दो. जल्दी से चोदो.
मैंने उसकी चूत में लंड लगाया और उसके ऊपर लेटकर उसकी चूचियों को पीने लगा. फिर मैंने लंड का दबाव बनाना शुरू किया और उसके चूचों को पीते हुए हल्के हल्के धक्के लगाने लगा.

मैंने थोड़ा और जोर लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया लेकिन टोपे से थोड़ा ही आगे जाकर लंड चूत में फंस गया. वो एकदम से उचक गयी और मेरी जांघों को पकड़ लिया ताकि लंड और अंदर न जा पाये.

अब मैं वहीं पर रुक गया क्योंकि लंड मोटा और लम्बा था और आरिफा की चूत बहुत टाइट थी. मैं रुका रहा और धीरे धीरे लंड को धकेलने की कोशिश करता रहा.

इस बीच मैं आरिफा के होंठों को चूस रहा था जबकि जाकिरा ने आरिफा के हाथों को अपनी चूचियों पर रखवाया हुआ था. धीरे धीरे जब आरिफा को अच्छा लगने लगा तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया और उसकी चूत में आधे से ज्यादा लंड फंसा दिया.

उसने जोर से चीख मारी और मैंने उसके मुंह को बंद कर दिया. उसकी चूत में मेरा लंड फंस गया था और मैं ऐसे ही लेटा रहा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसको चोदना शुरू किया.

आरिफा को काफी दर्द हो रहा था मगर फिर बाद में वो मजा लेने लगी. अब वो आराम से चुदवाने लगी और जल्दी ही उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह . हमराज . याह . ओह्ह . वाऊ . आह्ह . आई .. आईआ . आह्ह . चोदो ना जान . आह्ह . चोदते रहो।

उसकी कामुक सिसकारियां सुनकर मैं उसकी चूत को तेजी से पेलने लगा और जाकिरा ने अपनी बहन का हाथ पकड़ा और उसकी उंगली को चूत में डलवा लिया.

अब आरिफा चुदते हुए अपनी बहन की चूत में उंगली से चोद रही थी. जाकिरा अपनी चूचियों को दबा रही थी. मैं तेजी से आरिफा की चूत को खोलने में लगा हुआ था.

वो चुदकर बेहोश होने के कगार पर थी. उसकी चूत में मेरा 9 इंची लंड अब पूरा अंदर तक फाड़ रहा था. फिर मैंने अपने धक्के और तेज कर दिये. अब मेरा पानी निकलने को हो गया और मैं उसकी चूत में झड़ गया.

उसकी चूत से भी खून निकला और फिर वो एक साइड होकर लेट गयी. मैं भी वहीं पड़ा हुआ था. मगर इतने में ही जाकिरा मेरे ऊपर आ चढ़ी. वो मेरे लंड को चूसने लगी.

उसने मेरे लंड को चाटकर साफ किया. फिर मेरे लंड से खेलने लगी. मगर लंड पानी निकालने के बाद सो चुका था. फिर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.

वो तब तक मेरे लंड को चूसती रही जब तक कि मेरे लंड में फिर से तनाव नहीं आ गया. लगभग 10 मिनट की चुसाई के बाद मेरा लंड अब एक बार फिर से तन गया.

जैसे ही लंड में तनाव पूरा हुआ तो जाकिरा जल्दी से बेड पर लेट गयी. वो मुझे उसके ऊपर आने के लिए कहने लगी. मैं भी अब उसकी चुदाई के मूड में आ गया था.

मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरू किया और उसकी चूत को सहलाने लगा. उसकी चूत तो पहले से पूरी की पूरी गीली हुई पड़ी थी. उसकी चूत में हम तीनों की ही उंगली जा चुकी थी.

एक बार मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, फिर उसने खुद अपनी चूत में उंगली डाली और फिर आरिफा ने भी उसकी चूत में उंगली से चोदा था. वो अब लंड लिये बिना नहीं रुक सकती थी.

मैंने भी उसकी प्यास को ध्यान में रख कर उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया. अब मैंने उसके हाथों को बेड पर नीचे दबा लिया और एक धक्का दे दिया.

जैसे ही मेरा लंड जाकिरा की चूत में घुसा तो वो जोर से चीखी लेकिन तभी आरिफा ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसकी चीख को फिर उसके मुंह से दोबारा नहीं निकलने दिया.

आरिफा अब जाकिरा की चूचियों को दबाने लगी और मैं अपने लंड को उसकी चूत में और अंदर सरकाने लगा. उसकी चूत की झिल्ली फट गयी और उसकी चूत से काफी सारा खून निकला.

मगर मैंने लंड को घुसाये रखा क्योंकि अगर मैं लंड को बाहर निकालता तो फिर वो दोबारा से लंड को अपनी चूत में अंदर नहीं डालने देती. फिर मैंने पूरा लंड घुसा दिया और फिर रुक कर उसके ऊपर लेट गया.

अब आरिफा मेरे होंठों को चूसने लगी और जाकिरा मेरी पीठ को सहलाने लगी. साथ ही आरिफा अपनी बहन जाकिरा की चूचियों को दबा रही थी. मेरा लंड जाकिरा की चूत में घुसा हुआ था.

दो तीन मिनट तक मैं रुका और फिर उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. उसकी चूत कुछ ज्यादा ही टाइट थी और मेरा लंड बुरी तरह से उसकी चूत में कसा हुआ था.

फिर मैं उसको चोदने लगा. पहले तो वो दर्द में बिलखती रही मगर फिर उसकी चूत ने लंड को अपने भीतर एडजस्ट कर लिया और वो सहज होती चली गयी. उसके बाद मैं भी उसको तेज तेज चोदने लगा.

इतने में ही चाची भी नहाकर बाहर आ गयी. उसकी छोटी बेटी अभी चुद रही थी. उसकी बड़ी बेटी उसकी छोटी बेटी को चुदवाने में मेरा साथ दे रही थी. चाची ये देखकर बहुत खुश हो रही थी.

जिस लंड से चाची ने कुछ देर पहले अपनी चूत की चुदाई करवायी थी. अब वही लंड चाची की दोनों बेटियों को चोदने में लगा हुआ था. मेरा लंड काफी तेज तेज धक्कों के साथ जाकिरा की चूत में अंदर बाहर हो रहा था.

अब चाची मेरे ऊपर आ गयी और उसने अपनी दोनों टांगों को मेरी दोनों ओर कर लिया. चाची मेरी पीठ पर खड़ी थी. उसने मेरी गांड को पकड़ा और नीचे जाकिरा की चूत में तेजी से धकेलने लगी.

चाची के सहयोग से अब जाकिरा की बच्चेदानी में मेरा लंड घुसने लगा. वो जोर जोर से चीखने लगी लेकिन वो दोनों मां बेटी उस कमसिन जाकिरा को इतनी बेरहमी से चुदते हुए देखकर खुश हुईं जा रही थी।

जाकिरा की हालत बेहोशी वाली हो गयी. मुझे भी उसको चोदते हुए 20 मिनट हो चुके थे. अब मेरा माल फिर से निकलने वाला था. मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने जारी रखे.

फिर मैंने पूरी ताकत लगा दी और एकदम से मेरा वीर्य निकल कर बाहर आने लगा तो मैं जाकिरा के ऊपर लेट गया और मैंने उसकी चूत में धक्के लगाते हुए अपना माल उसकी चूत में खाली कर दिया.

मैं अब बहुत ज्यादा थक गया था. जाकिरा तो हिल ही नहीं रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे कि वो बहुत बड़ी जंग जीतकर एकदम से थक कर सो गयी हो.

उसकी चूत से जब लंड निकला तो उसके साथ ही उसकी चूत का खून और वीर्य की मिश्रण भी बाहर आ गया.
चाची उसकी चूत की हालत देखकर मुस्करा रही थी. आरिफा भी मुस्करा रही थी.

अब मैं उठा और चाची मुझे बाथरूम में ले गयी. वहां उसने मेरे लंड को साफ कर दिया. मगर साफ करने के बाद उसने एक बार फिर से मेरे लंड को मुंह में भर लिया.

मैंने चाची को मना किया लेकिन वो चूसती ही रही.

मेरा लंड खड़ा होने ही वाला था कि आरिफा बोली- अम्मी . अपनी छोटी बेटी की चूत का भी ख्याल कर लो. लंड तो यहीं रहने वाला है.

फिर चाची मुझे बाहर लेकर आ गयीं. आरिफा की नजर भी मेरे लंड पर ही थी. मगर इस वक्त मैं और चुदाई करने के मूड में नहीं था. फिर मैं वहां से अपने कपड़े पहन कर आ गया.

उसके बाद उन तीनों की चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया. अब वो तीनों ही रोज मुझे अपने घर बुलाने लगीं. फिर मुझसे तीनों ही साथ में चुदवाती थी.

जब तक आरिफा और जाकिरा की शादी नहीं हो गयी तब तक वो मुझसे चुदवाती रहीं. अभी भी जब वो दोनों ससुराल से आती हैं तो एक दिन मुझसे चुदवाने के लिए मुझे उनके घर जरूर बुलाती हैं.

दोस्तो, ये थी मेरी चाची और उनकी बेटियों की चुदाई की कहानी. आपको ये रियल फैमिली सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे इसके बारे में जरूर बताना. आप कहानी पर कमेंट करना न भूलें.
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